व्यापमं घोटाला: एमपी और यूपी में 40 जगहों पर सीबीआई का छापा
- सीबीआई के व्यापमं मामले में 40 ठिकानों पर छापे
- व्यापम घोटाले के आरोपी लक्ष्मीकांत शर्मा के सिरोंज स्थित निवास पर सीबीआई का छापा।।
- अभी सीबीआई घर पर ही अंदर मौजूद है।
- उज्जैन ,इंदौर ,भोपाल ,जबलपुर में भी छापे
भोपाल 24 सितम्बर ।
व्यापमं मामले में सीबीआई ने पहली बड़ी कार्रवाई करते हुए देशभर में 40 ठिकानों पर एक साथ छापे की कार्रवाई की है.
छापे की यह कार्रवाई मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में की गई है.सीबीआई ने व्यापमं मामले के
तमाम बड़े आरोपियों के यहां छापे की कार्रवाई की है. इनमें विदिशा के सिरोंज में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा का घर भी शामिल है.
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक राजधानी भोपाल के अलावा इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में भी छापे की कार्रवाई की गई है. यहां पर सर्चिंग कर दस्तावेज कर को खंगाला जा रहा है.
मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश के लखनऊ और इलाहबाद में भी छापे की कार्रवाई की गई है.
व्यापमं घोटाले में स्कोरर और फर्जी परीक्षार्थियों का लिंक उत्तरप्रदेश से जुड़ा हुआ है. सीबीआई ने भोपाल में 7, उज्जैन में 3 और इंदौर में 5 जगहों पर छापामारी की कार्रवाई की.
इसके अलावा उत्तरप्रदेश में लखनऊ, इलाहबाद और कानपुर में कई स्थानों पर सीबीआई ने छापेमारी की.
व्यापमं का इतिहास:
व्यापमं का इतिहास करीब 45 साल पुराना है. 1970 में प्री-मेडिकल टेस्ट बोर्ड नाम से इसकी नींव रखी गई थी. 11 साल बाद 1981 में इसका नाम बदलकर प्री-इंजीनियरिंग बोर्ड कर दिया गया. एक साल बाद 1982 में ही इसे नया नाम प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड यानि व्यावसायिक परीक्षा मंडल दिया गया.
पिछले 23 साल से यह ‘व्यापमं’ नाम से ही लोगों की जुबां पर चढ़ा हुआ था.
दो साल से हर भर्ती घोटाले के तार व्यापमं से जुड़ते गए और दुनिया भर में यह बदनामी का सबब बन गया.
शिवराज सरकार को मजबूर होकर सीबीआई जांच की सिफारिश करनी पड़ी.
कथित तौर पर कहा जाता है कि व्यापमं घोटाल से जुड़े करीब 50 लोगों की संदिग्ध हालात में मौत हो गई.
एसटीएफ के बाद अब जांच का जिम्मा संभाल रही सीबीआई ने करीब 100 एफआईआर दर्ज की है.
क्या है व्यापमं घोटाला:
– मेडिकल, इंजीनियरिंग, कृषि, मैनेजमेंट में दाखिले के लिए व्यापमं का गठन
– 2008 में प्रवेश के साथ नौकरी का जिम्मा भी व्यापमं को सौंपा गया
– शिक्षक, कांस्टेबल, सब-इंस्पेक्टर और पटवारी की नियुक्ति के लिए परीक्षा
– फ़ूड इंस्पेक्टर, एक्साइज इंस्पेक्टर, वन और जेल गार्ड की नियुक्ति भी भी जवाबदारी
– 2013 में पीएमटी परीक्षा में गड़बड़ी से पहली बार फर्जीवाड़ा पकड़ा गया.
Courtesy: Attack News, Ujjain