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सारधा चिटफंड घोटाला: 134 संपत्ती कुर्की का आदेश, 774 करोड़ रुपए वसूली की कार्रवाई शुरू

पूंजी बाजार विनियामक (सेबी) ने निवेशकों से गैरकानूनी तरीके से धन वसूलने के आरोप में फंसी पश्चिम बंगाल की कंपनी सारधा रीयल्टी इंडिया लिमिटेड और इसके प्रमुख सुदीप्त सेन की 134 संपत्तियों की कुर्की के आदेश जारी किए हैं।

यह कुर्की सारधा से विभिन्न शुल्क और ब्याज सहित 774.3 करोड़ रुपए की वसूली के सिलसिले में की गई है।

इन संपत्तियों में भूखंड, इमारतें, फ्लैट, कुर्सी-मेज, टीवी, फ्रिज, जनरेटर, कंप्यूटर तथा कुछ अन्य चल हैं। इनमें से अधिकांश पश्चिम बंगाल में हैं। सेबी ने कंपनी और सेन को आदेश दिया है कि वे अपनी तमाम चल-अचल संपत्ति की पूरी जानकारी दें।

Kolkata: West Bengal Transport Minister Madan Mitra at SSKM Hospital for a health check up in Kolkata, on Feb 7, 2015. (Photo: IANS)
Kolkata: West Bengal Transport Minister Madan Mitra at SSKM Hospital for a health check up in Kolkata, on Feb 7, 2015. (Photo Courtesy: IANS)

पश्चिम बंगाल में जनता से निवेश जुटाने की योजना में भारी धोखाधडी का मामला सामने आने के बाद सेबी ने सारधा समूह के खिलाफ पहला आदेश अप्रैल 2013 में जारी किया था।

सेबी ने जमीन-जायदाद के काम में लगी कोलकाता की इस कंपनी को अपनी सामूहिक जमा योजनाएं बंद करने तथा निवेशकों का पैसा तीन माह में वापस करने का ओदश दिया था। सेबी ने कंपनी और इसके प्रमुख को बाजार में हर तरह का कारोबार करने से रोक दिया था।

निवेशकों का पैसा लौटाने में चूक करने पर सेबी ने जून 2013 में कंपनी और उसके प्रमुख के विभिन्न बैंक खातों और डी-मैट खाते कुर्क कर लिए थे। उनमें इतनी धन संपत्ति न थी कि निवेशकों के धन, ब्याज और शुल्क आदि की वसूली हो सके।

सारधा रियल्टी और इसके प्रबंध निदेशक सेन के खिलाफ वसूली की कार्रवाई चार जून 2015 को शुरु हुई। सेबी ने कहा कि कंपनी और उसके प्रमुख को वसूली नोटिस का जवाब तक देना गवारा न हुआ। सेबी को जब पता लगा कि इनके पास कुछ संपत्तियां हैं, जिन्हें बेच या हस्तांतरित करके निवेशकों के धन की वसूली की जा सकती है। इसके मद्देनजर संपत्तियां कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की है।

सेबी के इस आदेश के मुताबिक वसूली नोटिस के तहत कुर्क की गई संपत्तियों को ‘अब कोई व्यक्ति बेच, हस्तांतरित, विलग या काम पर नहीं लगा सकता।’ कुर्क संपत्तियों में पश्चिम बंगाल में 120 भूखंड है। इसके अलावा 14 अन्य कुर्क संपत्तियों में सारधा लैंडमार्क सीमेंट की संपत्तियां, लिंकोलन हाईस्कूल और कुछ फ्लैट तथा रिसॉर्ट हैं। कुछ फर्नीचर और मकानों में लगे कुछ अन्य समान भी कुर्क हुए हैं।

कंपनी और उसके प्रमुख को दो सप्ताह के अंदर अपनी सभी संपत्तियों का ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश सेबी ने दिया है।

सेबी ने सारधा समूह के खिलाफ जांच में पाया कि इसने जनता से 10 हजार से एक लाख रुपए तक की जमाएं 15 माह से 120 माह के लिए जुटाईं और इन पर 12 से 24 प्रतिशत ब्याज देने का वादा किया था।

Courtesy: Attack News, Ujjain

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