Riots in Maharashtra: क्या महज कोरी अफवाह या साजिशन महाराष्ट्र में भड़की दंगे की आग?
- महाराष्ट्र के पांच शहर दो दिनों तक हिंसा में घिरे रहे।
- त्रिपुरा में घटना हुई नहीं, महाराष्ट्र में हो गए दंगे
- हिंसक भीड़ ने सैकड़ों दुकानों में तोड़फोड़ की और पुलिस पर भी पत्थर बरसाए।
- अमरावती में प्रदर्शनकारियों और हिंसा रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया है।
- अमरावती में शांति स्थापना के लिए धारा-144 लगी।
- रजा अकादमी ने आयोजित की थी रैलियां
- क्या सोचे-समझे तरीके से साजिशन भड़काई हिंसा?
इंडिया क्राईम
मुंबई, 07 नवंबर 2021
उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा में अक्तूबर 2021 में हुई हिंसा की आग महाराष्ट्र के तीन शहरों तक पहुंच गई। महाराष्ट्र के तीन शहरों अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव में पांच नवंबर 2021 को मुस्लिम संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद तनाव की स्थिति बन गई।
मुस्लिम संगठनों का प्रदर्शन हुआ, तो अगले दिन छह नवंबर को हिंदू संगठनों ने शांतिपूर्ण बंद की घोषणा कर दी। इस दिन कई दुकानों पर पथराव हुआ और प्रदर्शनकारियों ने खूब उत्पात मचाया।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री, भाजपा नेता और महाराष्ट्र नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि त्रिपुरा में जो घटना घटी नहीं, उस पर महाराष्ट्र में दंगे गलत हैं। त्रिपुरा में मस्जिद जलाने की अफवाह किसी ने फैलाई। असम पुलिस ने उस मस्जिद की तस्वीर भी जारी की।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इसके बावजूद महाराष्ट्र में मोर्चे निकाले और हिंसा हुई। काफी सारी दुकानें जलाईं, मैं इसकी निंदा करता हूं।
नांदेड़ में हिंसा
नांदेड़ जिले में उग्र भीड़ ने पुलिस पर एक घंटे तक पत्थरबाजी की। एक सीसीटीवी फुटेज में भीड़ गाड़ियों-दुकानों में तोड़फोड़ करते दिख रही है।
आरोप यह भी है कि हिंसक भीड़ ने उन खास दुकानों को ही निशाना बनाया, जिन्होंने आंदोलन के समर्थन में दुकानें बन्द नहीं रखीं।
इस हिंसा में अतिरिक्त पुलिस सुपरिटेंडेंट, एक इंस्पेक्टर समेत सात लोग घायल हुए।
अमरावती में तोड़फोड़
पुलिस का कहना है कि अमरावती जिले में लगभग 10 हज़ार लोगों की भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया।
मार्च के दौरान जब भीड़ ने देखा कि दुकानें बन्द नहीं की हैं, तो जबरन दुकानें बंद करवानी चाहीं। दुकानदारों ने विरोध किया तो आपस में कुछ देर हुज्जतबाजी के बाद मारपीट शुरू हो गई, जिसने कुछ ही देर में तोड़फोड़ का रूप अख्तियार कर लिया।
सूत्रों के मुताबिक वहां लगभग 40 दुकानें बरबाद हुई हैं। कुछ घरों पर भी पथराव हुआ है।
अमरावती शहर में प्रशासन ने एहतियातन इंटरनेट बंद कर दिया। चार दिनों के लिए कर्फ्यू लगा दिया।
अमरावती में लगातार शांति की अपील जारी है।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस से बात की।
महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक संजय पांडे ने वीडियो जारी कर शांति की अपील की। हालात पर काबू पाने के लिए महाराष्ट्र की मंत्री यशोमती ठाकुर भी सड़कों पर निकलीं।
अमरावती में हिंसक भीड़ को तीतर-बीतर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
अमरावती में शांति स्थापना के लिए पुलिस ने धारा 144 लगाई है।
मालेगांव में हिंसा
मालेगांव में हिंसक भीड़ ने पुलिस और जनता को निशाना बनाया। यहां भी अमरावती और नांदेड़ की तरह ही पहले रैलियां हुईं। इन रैलियों में मुस्लिम धर्मगुरुओं और नेताओं ने भाषण दिए।
इसके बाद पैदल मार्च निकला, जो कुछ ही देर में हिंसक हो गया। हिंसक भीड़ ने गाड़ियों और दुकानों को आग लगानी शुरू कर दी।
इस हिंसा के बाद खुली दुकानों के मालिक भी फौरन दुकानें बंद करके गायब हो गए।
5 जिले – 20 एफआईआर
पांच जिलों में हुई रैलियों और पथराव के बाद हिंसक वारदातों के चलते 20 एफआईआर पुलिस ने दर्ज की हैं। इस सिलसिले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया है।
अमरावती में एक हिंदूवादी संगठन द्वारा बंद करवाने के दौरान भीड़ ने विभिन्न स्थानों पर पथराव किया। काफी दुकानें क्षतिग्रस्त कर दीं, तो पुलिस को भीड़ पर लाठीचार्ज किया।
रजा अकादमी का बंद
26 अक्टूबर को खबर आई कि त्रिपुरा में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ दंगे भड़क गए हैं। इसमें कुछ लोगों ने एक मस्जिद भी नष्ट कर दी है।
त्रिपुरा पुलिस ने इन खबरों को अफवाह बताया। त्रिपुरा पुलिस ने दावा किया कि वहां मुसलमानों के घर जलाने की बात अफवाह है। इसके बावजूद अफवाह भारत के तमाम राज्यों में फैल गई। महाराष्ट्र में इसके कारण हिंसा भी हो गई।
पता चला है कि महाराष्ट्र की रजा अकादमी ने बंद की घोषणा की थी।
इसी संस्था ने असम हिंसा और म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ़ भड़के दंगों के खिलाफ मुंबई के आज़ाद मैदान में अगस्त 2012 में रैली बुलाई थी। तब भी रैली में शामिल लोग हिंसक हो गए थे। भीड़ में कुछ लोगों ने अमर जवान ज्योति स्मारक को क्षतिग्रस्त किया था।
गृहमंत्री का बयान
महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि त्रिपुरा में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा के खिलाफ राज्य में निकाले विरोध मार्च ने कुछ जगहों पर हिंसक रूप ले लिया लेकिन महाराष्ट्र के तीनों शहरों में स्थिति नियंत्रण में है।
रजा अकादमी का राज्यपाल को ज्ञापन
मुस्लिम संगठन रजा अकादमी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें त्रिपुरा हिंसा प्रभावित लोगों को मुआवजा देने और क्षतिग्रस्त मस्जिदों के पुनर्निर्माण की मांग है।
सोचे-समझे तरीके से भड़काई गई हिंसा?
अक्तूबर 2021 में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ़ हिंसा हुई। वहां हिंसक भीड़ ने दुर्गा पूजा पंडालों में आग लगाई थी। कुछ हिन्दुओं की हत्या भी हुई थी।
इस हिंसा के विरोध में 26 अक्टूबर को त्रिपुरा में एक रैली किसी अनाम संगठन के इशारे पर निकाली गई, वहां हिंसा भड़क गई। इसके बाद अफवाह फैली कि रैली की हिंसक भीड़ ने मुसलमानों के घर जला दिए।
त्रिपुरा पुलिस के मुताबिक़ ये सूचना पूरी तरह गलत थी। पुलिस ने 102 लोगों पर यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए, जिनमें कुछ पत्रकार और वकील हैं।
इस कानून के तहत पुलिस तब केस दर्ज करती है, जब महसूस हो कि उस व्यक्ति या संगठन ने राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता तोड़ने के प्रयास किए हैं।
इस मामले में गलत तरीके से यूएपीए लगाने पर कुछ पत्रकारों-वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसकी सुनवाई होनी है।
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