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Riots in Maharashtra 2021: अमरावती दंगे के लिए मुंबई से भाजपा विधायक ने पैसे भेजे, नवाब मलिक का सनसनीखेज दावा

  • हिंसक घटनाएं अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल जिलों में हुई हैं।
  • रजा अकादमी पर प्रतिबंध की मांग उठी
  • विहिप और बजरंग दल पर भी प्रतिबंध की मांग सामने आई
  • 20 से अधिक एफआईआर हुईं, सैंकड़ों गिरफ्तार

इंडिया क्राईम

मुंबई, 15 नवंबर 2021।

नवाब मलिक ने सनसनीखेज दावा किया कि महाराष्ट्र में ध्रर्मिक दंगों की साजिश भाजपा के पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे और भाजपा के कुछ नेताओं ने रची है। उनका दावा है कि दंगों की साजिश दो नवंबर 2021 की रात में रची गई।

एनसीपी प्रवक्ता और मंत्री नवाब मलिक ने दावा किया कि भाजपा नेताओं ने दंगे भड़काने की सुनियोजित साजिश रची। जब महाराष्ट्र के नांदेड़, मालेगांव, अमरावती में हिंसा हो रही थी, तब बंद का आह्वान करते हुए भाजपा ने साजिशन दंगे भड़काए। यह साजिश पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे और भाजपा के अन्य नेताओं ने रची।

नवाब मलिक ने दावा किया है कि दंगे भड़काने के लिए मुंबई से पैसे भेजे गए। महाराष्ट्र की समझदार जनता सारा खेल समझ रही है। इसी कारण से महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों तक हिंसा नहीं फैलीं। इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र की जनता का आभार भी व्यक्त किया।

दंगों की योजना जनता भांप गई जनता

नवाब मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने महाराष्ट्र व देश के अन्य हिस्सों में बंद का आह्वान किया था। महाराष्ट्र के नांदेड़, मालेगांव, अमरावती में पत्थरबाजी हुईं। पुलिस पर भी पथराव हुआ। पत्थरबाजों पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसी बीच 6 नवंबर 2021 को अमरावती में भाजपा ने बंद का आह्वान किया। इसके पीछे सुनियोजित तरीके से दंगे भड़काए गए। पूरे महाराष्ट्र में दंगे भड़काने की योजना थी। पुलिस ने इसे पूरी तरह नियंत्रित कर लिया।”

पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे समेत भाजपा के कुछ नेताओं पर आरोप लगाते हुए नवाब मलिक ने कहा, “पूर्व मंत्री अनिल बोंडे और भाजपा के कुछ नेताओं ने 2 नवंबर की रात दंगा भड़काने की साजिश रची थी। इसके लिए युवकों को रकम व शराब बांटी गईं। उन्हें अमरावती में दंगा भड़काने का जिम्मा सौंपा। इन युवकों ने बदले में पथराव किया, दुकानों में आग लगाई। पुलिस जांच में सब सामने आने लगा है। अब पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है।”

नवाब मलिक ने दावा किया कि स्थानीय विधायकों ने लोगों को पैसे दिए। जब तमाम हथियार खत्म हो जाते हैं, तो भाजपा दंगों का हथियार सामने लाकर राजनीति चमकाती है। वो ऐसी राजनीति को नकारती है। ऐसी विनाशकारी राजनीति का हम विरोध करते हैं।

भाजपा नेता आशिष शेलार रज़ा अकादमी कार्यालय गए

प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवाब मलिक ने भाजपा विधायक आशिष शेलार पर निशाना साधा।

उन्होंने कहा, “आशिष शेलार रज़ा अकादमी कार्यालय गए थे। वह तस्वीर हमारे पास है। ऐसा क्या जरूरी काम था कि भाजपा नेता को रज़ा अकादमी कार्यालय में जाना पड़ा? इसी संगठन को महाराष्ट्र हिंसा के लिए भाजपा ज़िम्मेदार बता कर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है। अब भाजपा इसका स्पष्टीकरण दे।”

महाराष्ट्र में हिंसा क्यों भड़की?

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों के बाद त्रिपुरा में हिंदूवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया।

इस बीच सोशल मीडिया में अफवाह फैली कि त्रिपुरा की मस्जिदों को कुछ प्रदर्शनकारियों ने नुकसान पहुंचाया है।

इसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने मस्जिद सही-सलामत होने की तस्वीरें भी जारी कीं।

भाजपा का आरोप है कि इसके बावजूद रज़ा अकादमी ने मुस्लिमों में पर्चे बांटे। यह प्रचारित किया कि कौम को खत्म किया जा रहा है।

इसके बाद 12 नवंबर 2021 को अमरावती, नांदेड़, मालेगांव में मुस्लिम समुदाय ने हजारों की तादाद में मोर्चा निकाला।

इस दौरान हिंसा भड़क गई। काफी सारी दुकानों में तोड़फोड़ हुई, लोगों से मारपीट और पथराव हुआ। आगजनी की घटनाएं भी हुईं। पुलिस पर हमले हुए, जिनमें कुछ पुलिसकर्मी जख्मी हुए।

इन घटनाओं के खिलाफ भाजपा ने 13 नवंबर 2021 को अमरावती बंद का आह्वान किया।

इस बंद के दौरान हिंसा हुई। पथरावर व दुकानों में तोड़फोड़ हुई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी। पानी के फव्वारे इस्तेमाल किए। लाठीचार्ज किया।

इन्हीं घटनाओं पर नवाब मलिक ने 15 नवंबर 2021 को प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा नेताओं पर दंगे भड़काने की साजिश का आरोप लगाया।

अमरावती कराने वाले भाजपा नेता, पूर्व कृषि मंत्री गिरफ्तार

अमरावती बंद के दौरान मोर्चे में शामिल भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी शुरू हो गई।

शहर कोतवाली पुलिस ने पूर्व कृषि मंत्री अनिल बोंडे को गिरफ्तार किया है। काफी भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी की संभावना है। पुलिस ने कई भाजपा नेताओं के घरों पर छापेमारी की।

भाजपा प्रवक्ता शिवराय कुलकर्णी भी गिरफ्तार हो चुके हैं।

अब तक 13 भाजपा कार्यकर्ता अरेस्ट हो चुके हैं।

बंद व हिंसा के सिलसिले में शहर में 15 एफआईआर दर्ज हुई हैं।

अब तक 50 से अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार हो चुके हैं।

गिरफ्तारी के बाद अनिल बोंडे ने कहा, “ आवाज़ दबाने की कितनी कोशिश करें, अब हिंदू मार नहीं खाएगा।”

भाजपा ने गिरफ्तारियों की आलोचना की है।

भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा, “त्रिपुरा में प्रदर्शन के बाद महाराष्ट्र में रज़ा अकादमी ने सोची-समझी साजिश के तहत हिंसा भड़काई। तोड़फोड़ और पथराव कर दुकानें बंद करवाईं। दूसरे दिन हिंसा के विरोध में भाजपा ने अमरावती बंद का आह्वान किया। क्या लोकतंत्र में विरोध का अधिकार नहीं है? उत्पात मचाने वालों को बचा रहे हैं, हिंदुओं को दबा रहे हैं। महाराष्ट्र में अमरावती, नांदेड़ और मालेगांव के हिंसा भड़काने वालों पर कार्रवाई नहीं हो रही बल्कि राजनीतिक दुश्मनी के तहत चुन-चुन कर भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है।”

भाजपा की अहम बैठक

16 नवंबर 2021 को भाजपा कार्यकारिणी की अहम बैठक हो रही है, जिसमें महाराष्ट्र हिंसा के लिए रजा अकादमी को जिम्मेदार मान प्रतिबंध की मांग भाजपा उठाएगी।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 2014 से 2019 के बीच देवेंद्र फडणवीस सरकार थी, राज्य में एक दंगा नहीं हुआ। महा विकास आघाडी सरकार के दौरान पुलिसकर्मियों से मारपीट हुई, कानून का डर नहीं रह गया है।

हिंसा भड़काने के आरोप गलत – भाजपा

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि राज्य में जो भी होता है, आरोप भाजपा पर मढ़ा जाता है। यह हास्यास्पद है। शुरुआत किसने की, यह देखें।

पूर्व मुख्यमंत्री फड़नवीस ने अमरावती हिंसा पर कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओ पर हमले को लेकर हिंदू संगठनों ने त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन किया। कछ लोगों ने अफवाह फैलाई कि प्रदर्शन के दौरान वहां मस्जिद को नुकसान पहुंचाया है। यह झूठ है। मस्जिद के ठीक होने की तस्वीरें भी पुलिस ने जारी कीं। इसके बावजूद महाराष्ट्र में हिंसक प्रदर्शन हुए। हिंदुओं पर हमले हुए।

नितेश राणे भी भड़के

भाजपा नेता नितेश राणे ने महाराष्ट्र हिंसा के लिए रजा अकादमी को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रतिबंध लगाने की मांग रखी।

भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा, “हिम्मत है तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी सरकार रज़ा अकादमी के सदस्यों को गिरफ्तार कर मर्दानगी दिखाए।”

नितेश राणे ने कहा कि वे कोर्ट जाएंगे और रज़ा अकादमी पर कार्रवाई के लिए गृहमंत्री अमित शाह से मांग करेंगे।

भाजपा विधायक नितेश राणे ने कहा है कि हिंसा के जिम्मेदार खुले घूम रहे हैं जबकि पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा नेता अनिल बोंडे को अमरावती हिंसा के लिए जिम्मेदार माना कर गिरफ्तार किया है।

उन्होंने कहा, “12 नवंबर को रज़ा अकादमी ने मोर्चा निकाला। रज़ा अकादमी ने पहले ही ऐलान किया था कि त्रिपुरा घटना के विरोध में मोर्चा निकालेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने मोर्चा निकालने की इजाज़त दी। इसमें जम कर हिंसा हुई। मैं चुनौती देता हूं कि त्रिपुरा में मस्जिद तोड़ी, इसका एक भी फोटो या वीडियों रज़ा अकादमी दिखाए। ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। उसके नाम पर लेकिन दुकानें लूटीं, गाड़ियां जलाईं। जो घटना हुई नहीं, उस विरोध में मोर्चा निकालने की इजाज़त किसने दी? हिंसा में हिंदुओं की दुकानें और इलाकों में तोड़फोड़ व आगजनी क्यों हुई? इस पर कोई क्यों नहीं बोलता?”

राणे ने आगे कहा, “हिंसा की साज़िश कैसे रची गई, इसकी जानकारी मेरे पास है। रज़ा अकादमी आतंकी संगठन है। रज़ा अकादमी की जड़ अफ़ग़ानिस्तान से जुड़ी है। यह कट्टरपंथी संगठन है। ये लोग क्या काम करते हैं? पीएम मोदी ट्रिपल तलाक कानून लाए। रज़ा अकादमी ने विरोध किया। कोरोना वैक्सीनेशन की मुहिम का भी रज़ा अकादमी ने विरोध किया था। यह संस्था लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखती है। ऐसा संगठन महाराष्ट्र में कैसे काम कर रहा है। इसके खिलाफ राज्य सरकार कार्रवाई क्यों नही करती?”

राणे ने रज़ा अकादमी के ख़िलाफ़ जल्द प्रतिबंध लगाने की मांग रखी है।

उन्होंने कहा, “मुंबई के आज़ाद मैदान में हिंसा के दौरान महिला कॉन्स्टेबल से बदसलूकी भी इसी संगठन के सदस्यों ने की। रज़ा अकादमी ने 1997 में बालासाहब ठाकरे का विरोध किया था। उसी संगठन का संजय राऊत और शिवसेना समर्थन कर रहे हैं। रज़ा अकादमी के सदस्यों को गिरफ्तार करें और इस पर बैन लगाएं।”

चेतावनी देते हुए राणे ने कहा, “अब हिंदुओ पर आगे कोई अत्याचार हुआ, तो महाराष्ट्र में भूकंप आ आएगा। इसकी जिम्मेदार राज्य सरकार की होगी।”

विश्व हिंदू परिषद ने रजा अकादमी पर प्रतिबंध की मांग रखी

विश्व हिंदू परिषद ने रविवार को रजा अकादमी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।

धंतोली, नागपुर के विहिप कार्यालय में महासचिव मिलिंद परांडे ने पत्रकारों से कहा कि दंगाइयों के खिलाफ थानों में विहिप एफआईआर दर्ज कराएगी।

उन्होंने कहा, “पुलिस अगर एफआईआर दर्ज नहीं करेगी, तो विहिप कार्रवाई करेगी।”

मिलिंद परांडे ने कहा कि विहिप नेताओं का शिष्टमंडल इस बारे में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलेगा।

परांडे ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार पथराव से सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुई क्षति की भरपाई दंगाइयों से करे।

बजरंग जल और विहिप पर प्रतिबंध की मांग

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने रजा अकादमी के साथ बजरंग दल और विहिप पर प्रतिबंध लगाने की मांग उठाई है।

उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव से पहले हिंदू और मुसलमान में विवाद और दंगे पैदा करती है। ये घटनाएं अगले साल उत्तर प्रदेश चुनाव के मद्देनजर हो रही हैं।

संजय राऊत का पलटवार

शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि रजा अकादमी की इतनी औकात नहीं कि राज्य के अलग-अलग इलाकों में दंगे भड़काए। त्रिपुरा घटना का असर महाराष्ट्र में क्यों दिख रहा है? यूपी, एमपी, बिहार में क्यों नहीं? यानी महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही है।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि अमरावती और अन्य स्थानों पर हुई हिंसा महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार को अस्थिर करने के मकसद से हुई हैं।

उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे “असली चेहरों” से राज्य गृह मंत्रालय की जांच के बाद नकाब उतर जाएगा।

संजय राउत ने कहा, “पूरे देश में हिंदू हैं, सब जगह रिएक्शन दिखने चाहिए। रिएक्शन लेकिन सिर्फ अमरावती या मराठवाड़ा में ही होते हैं। रज़ा अकादमी का कुख्यात इतिहास है। उसकी लेकिन इतनी औक़ात नहीं कि महाराष्ट्र में इस तरह अलग-अलग शहरों में दंगे भड़काए। महाराष्ट्र को दरअसल जानबूझ कर चुना गया। त्रिपुरा से इतनी दूर यहां दंगे इसलिए भड़काए ताकि महाराष्ट्र सरकार को अस्थिर कर सकें। पिछले दिनों 13 राज्यों में चुनावों के नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं गए हैं इसलिए अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।”

संजय राउत ने कहा कि, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन सबसे पहले दिल्ली में होना चाहिए था। बांग्लादेश छोड़ें, कश्मीर में हिंदू पंडितों पर अत्याचार हो रहे हैं। कल ही मणिपुर में एक कर्नल के परिवार को आतंकियों ने शहीद कर दिया। चलिए इसके खिलाफ दिल्ली में मिल कर विरोध प्रदर्शन करते हैं।”

संजय राउत ने यह भी कहा, “इस देश में अगर हिंदू सचमुच खतरे में है, तो मैं कहूंगा कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहन राव भागवत साहब दिल्ली में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करें। हम भी साथ आएंगे। ऐसा लेकिन नहीं होगा। त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन इसलिए हुए क्योंकि वहां ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने भाजपा के सामने चुनौती पैदा कर दी है। साजिश त्रिपुरा में रची जा रही है, वातावरण पूरे देश का बिगड़ रहा है।”

नेताओं के बयान

अमरावती जिले की संरक्षक मंत्री यशोमती ठाकुर ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व दुकानों पर पत्थर फेंक कर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने भी अमरावती में हिंसा की निंदा की।

नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि लोगों को संयम बरतना चाहिए।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य सरकार में शामिल राजनीतिक दलों को भड़काऊ बयान नहीं देना चाहिए।

पुलिस ने शांति बनाए रखने की अपील की

पुलिस महानिदेशक, महाराष्ट्र संजय पांडेय ने नागरिकों से शांति व सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की।

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं में शामिल लोगों को लाभ नहीं मिलता बल्कि इनमें शामिल युवकों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

उन्होंने आगाह किया कि पुलिस इन अपराधों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। जरूरत पड़ी तो बल का इस्तेमाल भी होगा।

मुंबई पुलिस की साइबर शाखा ने लोगों से ऐसी अपुष्ट सूचना, वीडियो या संदेश सोशल मीडिया पर प्रसारित न करने की अपील की, जिससे कि जिससे साम्प्रदायिक नफरत बढ़े।

सांप्रदायिक शांति एवं सौहार्द्र बिगाड़ने वाली किसी भी गतविधि के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अमरावती में कर्फ्यू

बंद और हिंसा के सिलसिले में अब तक शहर में 15 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।

अमरावती में तनावपूर्ण शांति कायम है। आज कहीं हिंसक घटना की खबर नहीं मिली।

प्रशासन ने चार दिनों के लिए धारा 144 लागू कर इंटरनेट सेवा स्थगित कर रखी है।

शहर के संवेदनशील ठिकानों में पुलिस लगातार गश्त कर रही है।

बीच सावधानी बरतते हुए नागपुर में भी धारा 144 लागू की गई है।

प्रशासन ने अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

अमरावती शहर में कर्फ्यू का विस्तार किया गया। जिले के चार और शहरों में कर्फ्यू लगाया गया।

अमरावती शहर में शुक्रवार और शनिवार की हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 50 लोगों को गिरफ्तार किया है।

अमरावती के अलावा आसपास के कई शहरों में भी इंटरनेट सेवाएं बंद की जा चुकि हैं।

अमरावती पुलिस आयुक्त आरती सिंह ने बताया कि इंटरनेट सेवाएं तीन दिनों तक बंद रहेगी ताकि अफवाहें फैलने से रोकी जा सकें। कर्फ्यू चार दिनों तक जारी रहेगा।

नारे लगाते सड़कों पर निकले लोग शनिवार सुबह

पूर्वी महाराष्ट्र के शहर अमरावती के राजकमल चौक में शनिवार सुबह सैकड़ों लोग नारे लगाते सड़कों पर निकल आए।

इनमें से अधिकांश लोगों के हाथों में भगवा झंडे थे।

एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक भीड़ ने राजकमल चौक और अन्य जगहों पर दुकानों पर पथराव शुरू कर दिया। उन्हें क्षतिग्रस्त किया।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया।

पथराव के बाद कार्यवाहक पुलिस आयुक्त संदीप पाटिल ने सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) की धारा 144 (1), (2), (3) के तहत अमरावती शहर में कर्फ्यू लगाने के आदेश दिए।

चिकित्सा व आपात स्थिति के अलावा लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है।

आदेश के तहत पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने की अनुमति नहीं है।

कर्फ्यू अगले नोटिस तक लागू रहेगा।

20 FIR दर्ज, 50 गिरफ्तार

मुस्लिम संगठनों द्वारा निकाली रैलियों के दौरान पथराव की घटनाएं अमरावती, नांदेड़, मालेगांव, वाशिम और यवतमाल जिलों में हुईं।

पुलिस ने इन घटनाओं के सिलसिले में दंगा करने समेत विभिन्न आरोपों में 50 लोगों को गिरफ्तार किया। 20 एफआईआर दर्ज की हैं।

अधिकारियों के मुताबिक आठ हजार से अधिक लोग अमरावती कलेक्टर कार्यालय के बाहर ज्ञापन देने जमा हुए, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ अत्याचार रोकने की मांग थी। लोग ज्ञापन सौंप कर वापस लौटे, तो कोतवाली थाना क्षेत्र के चित्रा चौक और कॉटन बाजार के बीच तीन स्थानों पर पथराव हुआ था।

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