डॉन रवि पुजारी उर्फ सुल्या पुजारी की भारत वापसी आसान नहीं, जाने क्यों
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 4 फरवरी, 2019
पश्चिम अफ्रीकी देश सेनेगल में गिरफ्तार भारतीय गिरोह सरगना रवि पुजारी के बारे में एक बात अब साफ होती जा रही है कि उसे भारत लाना आसान काम नहीं होगा। रवि पुजारी ने अपने वकील के जरिए सेनेगल में भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ आपील की है।
नकली पासपोर्ट का आरोपी
डकार पुलिस ने रवि को नकली पासपोर्ट पर यात्रा करने के आरोप में हिरासत में लिया है। उसके खिलाफ भारत में की हत्याओं अथवा हफ्तावसूली जैसे संगीन अपराधों के बारे में कोई आरोप नहीं लगाया है।
सुल्या पुजारी के वकील अल हाड्जी डीओफ ने अदालत में रवि पुजारी के पक्ष में डिप्यूटी प्रोसीक्यूटर से जोरदार बहस की लेकिन अदालत ने रेड कॉर्नर नोटिस पर ही अधिक ध्यान दिया।
स्थानीय अखबारों के मुताबिक रवि पुजारी को वारंट जारी कर सीधे रीबस जेल भेज दिया था। रवि पुजारी से सेनगल के अटॉर्नी जनरल ने पूछताछ कर ली है।
यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय अधिकारियों ने सेनेगल की अदालत में रवि पुजारी को प्रत्यर्पित करने के लिए आवेदन दे दिया है।
सुल्या पुजारी या रवि पुजारी!
सेनगल के अखबारों में रवि पुजारी का नाम ‘सुल्या पुजारी’ लिखा है। उसे भारतीय फिल्मी हस्तियों के हत्यारे और आतंक के रूप में दर्शाया जा रहा है।
जोत्ताये अखबार के संवाददाता अलास्साने ड्रामे के मुताबिक सुल्या पुजारी की नागरिकता पर कुछ लोगों ने शक तो किया लेकिन सच यही है कि वो भारतीय है।
भारत चाहता है कि सेनेगल दर्जन भर हत्याओं के आरोपी इस खतरनाक गिरोहबाज का प्रत्यर्पण कर दे।
सेनगल के अधिकारियों के पास भारतीय अधिकारियों ने दस्तावेज भेजे हैं, जिससे यह साबित करने की कोशिश की है कि सुल्या पुजारी उनका नागरिक है। उसे अपने साथ भारत ले जाना चाहते हैं।
रवि ने की अपील
अखबार आगे लिखता है कि यह तभी हो सकता है, जब कानूनी तौर पर उसके लिए आदेश जारी हो जाएं। हमारी सूचना के मुताबिक गिरोह सरगना सुल्या पुजारी भारत वापस नहीं लौटना चाहता है क्योंकि उसे वहां जान का खतरा है।
अखबार में यह भी बताया है कि सुल्या पुजारी के वकील पहले तो उसे डिप्यूटी प्रोसीक्यूटर के पास ले गए। उसके बाद आरोपी भारतीय डॉन को डकार कोर्ट ऑफ अपील में पुलिस डीआईसी ने अटार्नी जनरल के समक्ष पेश किया।
अटार्नी जनरल ने आरोपी गिरोहबाज को हिरासत में रखने और कार्रवाई पूरी होने तक प्रत्यर्पण न करने के आदेश जारी कर दिए। अटार्नी जनरल ने भारतीय माफिया सरगना की सुनवाई की तारीख अभी तक नहीं दी है।
दो माह से अधिक लगेंगे प्रत्यर्पण में
अखबार ने यह भी लिखा है कि अदालती कार्रवाई पूरी होने में दो महीने से अधिक का समय लग सकता है। इतना ही नहीं, उसे भारत वापस भेजने के लिए अटॉर्नी जनरल का आदेश ही काफी नहीं होगा, उस पर सेनेगल के राष्ट्रपति के हस्ताक्षर भी जरूरी होंगे। जब तक यह जरूरी कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक सुल्या पुजारी उर्फ रवि पुजारी को भारतीय एजंसियों को नहीं सौंपा जा सकता है।
हो सकता है कि सुल्या पुजारी के प्रत्यर्पण में काफी वक्त लग जाए क्योंकि सेनेगल में चुनाव का माहौल बना हुआ है, जिससे प्रशासनिक और अदालती कार्रवाई में वक्त लग जाए।
रवि ने लिया डाईबिटीज का सहारा
थियेडकार पोर्टल के मुताबिक 30 जनवरी 2019 को सुल्या पुजारी के वकील ने अदालत के सामने कहा कि उसके मुवक्किल को भारत में जान का खतरा है क्योंकि वहां फांसी की सजा दी जाती है। यही कारण है कि उसके वकील सेनगल में ही उसे रोकने की भरपूर कोशिश करेंगे। इतना ही नहीं 30 जनवरी को ही उसके वकीलों ने जमानत की अर्जी भी लगाने की तैयारी दिखाई थी।
जेल भेजने के पहले सुल्या उर्फ रवि पुजारी को चिकित्सा जांच के लिए भी भेजा। इस वेबसाईट का कहना है कि आरोपी को डायबिटीज हैं और रीबस की जेल में हिरासत में रखना उसके लिए उचित नहीं होगा।
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