क्यूआर कोड से साइबर ठगी
आज के साइबर अपराधी अब क्विक रिस्पांस कोड ( क्यूआर कोड) के जरिये साइबर अपराधों को अंजाम दे रहे है।
साइबर अपराधी विक्रेता या खरीददार बनकर कस्टमर को व्हाटऐप्स / मेसेज के जरिये क्यूआर कोड और व्यक्ति को उसे स्कैन करने को कहते है। जैसे ही व्यक्ति क्यूआर कोड को स्कैन करता है, उसके अकॉउंट से पैसे कट जाते है।
आज में क्यूआर कोड शॉपिंग के लिए स्मार्ट फ़ोन के द्वारा क्यूआर कोड को स्कैन करके भुगतान करना ज्यादा प्रचलन में है। क्यूआर कोड का उपयोग आन लाइन भूगतान के लिए किया जाता है।
साइबर अपराधी अलग अलग एप्लिकेशन के माध्यम से क्यूआर कोड जनरेट कर उसे कस्टमर को भेज देते है और स्कैन करने बोलते है। जैसे ही व्यक्ति कोड स्कैन करता है, उसके अकाउंट से पैसे गायब हो जाते है।
क्यूआर कोड में यूआरएल का पता नहीं लगता, जैसे ही कोई व्यक्ति कोड स्कैन करता है, वह उसे किसी दूसरी वेबसाइट में ले जाता है। वहां उसके अकॉउंट के साथ छेड़छाड़ कर खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं।
ध्यान रहे – व्हाटऐप या अन्य माध्यम से कोई क्यूआर कोड से पेमेंट करने की बात करे तो सावधान हो जाये, कहीं आप साइबर ठगी के शिकार तो नही होने जा रहे हैं।
सावधान रहें, सुरक्षित रहें।
बालोद पुलिस, थाना गुंडरदेही द्वारा जारी