कौन हैं पाक पत्रकार अरूसा आलम, जिसके कारण पंजाब की राजनीति गरमा गई?
पंजाब में सियासी बवाल मचा हुआ है। कांग्रेस से अलग राह बना चुके पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह नई राजनीतिक पार्टी बनाने की तैयारी में हैं। लेकिन पाकिस्तानी महिला पत्रकार अरूसा आलम के साथ उनकी चली आ रही दोस्ती पर ट्विटर से लेकर सियासी जमीन तक प्रदेश की राजनीतिक गरमाई हुई है।
अरूसा आलम लंबे समय से कैप्टन अमरिंदर सिंह की मित्र हैं और जाहिर है, कई मौकों पर दोनों साथ देखे जा चुके हैं. डिप्टी सीएम और गृह मंत्री सुखजिंदर रंधावा ने अरूसा के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से कनेक्शन की जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि अरूसा के बारे में कई बातें सामने आई हैं, जिनकी जांच जरूरी है।
बता दें कि अरूसा की कई साल से पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से दोस्ती है। वे अक्सर कैप्टन से मिलने आती रहती हैं। दोनों की एक साथ कई तस्वीरें है और अब दोनों के साथ वाली तस्वीरों को लेकर बवाल मचाया जा रहा है।
कैप्टन के अलग राह पकड़ने के बाद अचानक चर्चा में आईं अरूसा आलम के बारे में, उनसे कैप्टन की दोस्ती के बारे में और अरूसा के भारत आने-जाने के बारे में लोगों में चर्चा का विषय बन गया है।
अरूसा आलम एक पाकिस्तानी पत्रकार हैं. वह पाकिस्तान में रक्षा मंत्रालय से जुड़ी पत्रकार रही हैं और इन मुद्दों पर अंदरूनी पकड़ रखती हैं. विदेश मामलों में रुचि रखने वाले अध्येता और लेखक डॉ संजीव झा बताते हैं कि अरूसा के पिता एक जमाने में समाजवादी नेता रहे हैं. 1970 के दशक में उनके पिता का पाकिस्तान की राजनीति में खासा दखल हुआ करता था. हालांकि बाद में वे किनारे हो गए।
वे बताते हैं कि अरूसा की मां की रुचि रक्षा मामलों और सैन्य क्षेत्र में रही है। ऐसे में अरूसा को भी इस क्षेत्र ने प्रभावित किया। अरूसा जब पत्रकारिता में आईं तो उन्होंने रिपोर्टिंग के लिए रक्षा और सैन्य विषय को ही चुना. अगस्ता-90 बी पनडुब्बी सौदों पर अरूसा की रिपोर्ट काफी चर्चा में रही है, जिसके कारण वर्ष 1997 में पाकिस्तान के तत्कालीन नौसेना प्रमुख मंसूरुल हक को गिरफ्तार किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अरूसा से कैप्टन अमरिंदर की पहली मुलाकात 2004 में पाकिस्तान दौरे के दौरान हुई थी। यह दोस्ती 2006 में जालंधर में मुलाकात के बाद और बढ़ती चली गई। तब जालंधर में पंजाब प्रेस क्लब के उद्घाटन समारोह में पत्रकारों के आमंत्रण पर वह यहां आई थीं. कैप्टन और अरूसा की दोस्ती जारी रही।
वर्ष 2006 में ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अरूसा के वीजा का अनुरोध किया और इसके बाद वह कई बार भारत आईं. 2010 में अमरिंदर सिंह की किताब ‘द लास्ट सनसेट’ के विमोचन में भी अरूसा भारत आई थीं. विरोधियों ने उन पर निशाना भी साधा. लेकिन कैप्टन का कहना था कि अरूसा को भारत आने की अनुमति भारतीय उच्चायोग ने दी है।
यूपीए सरकार और एनडीए सरकार दोनों के कार्यकाल में अरूसा भारत आती रही हैं. वह चंडीगढ़ स्थित कैप्टन अमरिंदर सिंह के सरकारी आवास पर भी आती जाती रही हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी महारानी परनीत कौर भी उन्हें अच्छे से जानती हैं। अरूसा आलम कैप्टन अमरिंदर सिंह को महाराज साहब बुलाती हैं।
वर्ष 2017 में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने थे तो अरूसा शपथ ग्रहण समारोह के दौरान वीवीआइपी सीट पर बैठी नजर आई थीं।
पाकिस्तान के नागरिक को आसानी से भारत का वीजा नहीं मिलता. कई बार तो इंटेलीजेंस की रिपोर्ट भी मंगाई जाती है।
अरूसा के कई बार भारत आने को लेकर केंद्रीय एजेंसियां भी सक्रिय हुईं, लेकिन आईबी समेत अन्य खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद उन्हें बार-बार वीजा दिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अरूसा आलम शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे भी हैं।
बताया जाता है कि भारत को जानने में हमेशा से उनकी रुचि रही है और इसलिए वह यहां आती-जाती रही हैं।
कैप्टन अमरिंदर से उनकी नजदीकी को लेकर कई बार सवाल किए गए, लेकिन अरूसा कई बार यह स्पष्ट कर चुकी हैं कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और वह केवल अच्छे दोस्त हैं। वहीं कैप्टन ने भी अरूसा से अपनी दोस्ती को नहीं छिपाया। दूसरी बार सीएम के तौर पर ताजपोशी के बाद उन्होंने अपने जन्मदिन पर भी अरूसा को बुलाया था. बहरहाल कैप्टन और उनके पारिवारिक सदस्यों के साथ अरूसा की तस्वीरों को लेकर फिलहाल पंजाब का सियासी पारा गरमाया हुआ है।
लेखक वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार हैं। विगत चार दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं।
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