Corruption

खबर पर नजर: एसपी डॉ. शिवाजी राठौड़ ने वसूलीबाज पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की

16 मई 2020

श्रवण शर्मा,मीरा-भाईंदर।

  • नवघर पुलिस कर्मियों द्वारा एक लाख की डिमांड
  • बीस हजार में मांडवली व जबरन वसूली का मामला

मेडिकल व्यवसायी से एक लाख की मांग और बीस हजार में मांडवली करने वाले पुलिसकर्मियों पर फैसले की घड़ी नजदीक आती जा रही है। नवघर पुलिस स्टेशन में व्याप्त भ्रष्टाचार और अभद्रतापूर्ण व्यवहार पर निश्चित रूप से आईपीएस अधिकारी डॉ. शिवाजी राठौड़ पहले से बहुत कुछ जानते होंगे, परंतु संवैधानिक प्रक्रिया के तहत बिना किसी शिकायत के कार्रवाई नहीं कर पा रहे थे।

मेडिकल स्टोर चलाने वाले फार्मासिस्ट नवयुवक रामफेर शुक्ला ने कुछ पुलिसकर्मियों की जबरन वसूली का विरोध करने का निर्णय लिया। उन्होंने निर्भीकता से एसपी शिवाजी राठौड़ से शिकायत कर दी।

मौखिक व लिखित शिकायत पर त्वरित संज्ञान लेते हुए, भाईंदर पश्चिम स्थित कार्यालय में एसपी राठौड़ आए। शिकायती रामफेर शुक्ला से पांच पुलिसकर्मियों की शिनाख्त करवाई। इसके बाद खुद के सामने शिकायती रामफेर शुक्ला का बयान दर्ज करवाया।

इस कार्रवाई के बाद एडिशनल एसपी भी भाईंदर आए। उन्होंने फिर रामफेर शुक्ला का बयान लिया।

इससे साफ हो गया कि एसपी शिवाजी राठौड़ ने दोषी कर्मचारियों को सजा देने का निर्णय लेकर, नवघर पुलिस स्टेशन पर लोगों का विश्वास कायम करने का फैसला कर लिया। जिसकी घोषणा भी जल्द ही होगी।

विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक एसपी शिवाजी राठौड़ संवैधानिक तरीके से दोषी पुलिसकर्मियों पर बिना किसी दबाव के कार्रवाई कर रहे हैं। इससे अब पुलिसकर्मियों का बचना बेहद मुश्किल है।

कोरोना महामारी के दौरान इस घटनाक्रम के दौरान रामफेर शुक्ला की मानसिक स्थिति बेहद तनावपूर्ण बनी रही। दुकान बंद करके पुलिस स्टेशन जाना, वहां घंटों समय देना। मामला वापस लेने के लिए भिन्न-भिन्न तरीकों का दबाव झेलना, कोई कुछ ‘कर’ नहीं दे, अथवा ‘करवा’ नहीं दे, ऐसा डर हमेसा सताना इत्यादि बेहद तनावपूर्ण परिस्थिति होती है।

एडिशनल एसपी ने जब रामफेर शुक्ला को बयान दर्ज कराने बुलाया तो वे इतना मानसिक दबाव में आ गए कि एक बार तो मामला वापस लेने की बात करने लगे। तीर कमान से निकल चुका था। अब शिकायत वापस नहीं ली जा सकती थी। ऐसा होता तो सत्य पराजित हो जाता। एसपी शिवाजी राठौड़ की छवि पर गहरा आघात पहुंचता।

रामफेर शुक्ला ने इसकी शिकायत ठाणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक शिवाजी राठौड़ से कर दी। इसकी तेज गति से कार्रवाई होने लगी।

शिकायतकर्ता रामफेर शुक्ला पर भाईंदर कैमिस्ट वेलफेयर असोसिएशन के पदाधिकारियों का भी कड़ा दबाव आता रहा है।

पुलिसकर्मियों के खिलाफ कारवाई से शहर के व्यापारी वर्ग में संतोषजनक माहौल है। लोगों का कहना है कि अब वसूलीबाज पुलिस वाले दिखाई नहीं दे रहे हैं। लोगों का कानून और न्याय के प्रति विश्वास बढ़ता साफतौर पर देखा जा रहा है। इसके लिए वे ठाणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक शिवाजी राठौड़ के प्रति संतोष दिखा दे रहे हैं।

क्या है मामला

बता दें कि भाईंदर पूर्व में श्रीराम ज्वेलर्स के सामने स्थित दवा विक्रेता रामपेर शुक्ला को नवघर पुलिस स्टेशन के कुछ पुलिसकर्मियों ने “रेड बुल” एनर्जी डिंक बेचने के आरोप में पकड़ा तथा कायदेनूसार कार्रवाई न करते हुए, उसे तीन महीने जेल भेजने और उसका मेडिकल लाईसेंस कैंसिल करवाने की धमकी देकर एक लाख रुपये मांगे। अंततः बीस हजार में मांडवली हुई।

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