Mumbai Cruise Drugs Case: प्रभाकर साईल के पत्र ने एनसीबी की नींद हराम कर दी
इंडिया क्राईम टीम
मुंबई, 26 अक्तूबर 2021।
सीबीआई की इज्जत तो कांग्रेस के जमाने में ही चली गई थी। ईडी और डीआरआई के बाद एनसीबी की इज्जत भी दो कौड़ी की हो गई है। राजनीतिक सिरफुटौव्वल से कानून पालक एजंसियों और न्याय प्रक्रिया का भारी नुकसान हो रहा है।
अज्ञात पत्र
- एक अज्ञात पत्र ने तहलका मचा दिया है, 26 गलत मामलों की फेहरिस्त
- समीर वानखेड़े की टीम के हर व्यक्ति के ओहदे और नाम के साथ आरोप हैं
- जिसने यह पत्र लिखा है, वह एनसीबी का विभीषण है,
- ऐसा व्यक्ति, जो कालांतर में समीर वानखेड़े के चाबुक का शिकार बना होगा
- इस पत्र के जरिए जांच आरंभ की जाती है, तो गलत नजीर शुरू हो जाएगी
- केंद्रीय एजंसियों ने बरसों से नियम बना रखा है कि जिस शिकायती पत्र में नाम, पता, संपर्क सही नहीं होंगे, उन पर जांच नहीं की जाएगी
गवाह प्रभाकर साईल के आरोप
- 25 करोड़ की मांग, 18 करोड़ में सौदा तय होना, लाखों रुपयों का लेन-देन के आरोप ने पूरे मामले को गंभीर मोड़।
- इस गवाह प्रभाकर साईल को पुलिस सुरक्षा मिली।
- अदालत ने इस गवाह प्रभाकर साईल के शपथ पत्र के आधार पर समीर वानखेड़े को कोई राहत देने से साफ इंकार कर दिया।
- सत्र अदालत ने कहा कि मामला हाईकोर्ट में है, इसलिए हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा।
- एनसीबी ने प्रभाकर को पलटा हुआ गवाह घोषित कर दिय़ा, जिससे उसकी केस में गवाही मान्य नहीं रह जाएगी।
चक्रव्यूह
- समीर अब तक दूसरों के बनाए चक्रव्यूह से निकलने के लिए छटपटा रहे थे, अब अपने ही रचे व्यूह में फंस चुके है
- उनका हर वार भोथरा साबित हो रहा है नवाब मलिक के हमलों के सामने
- समीर वानखेड़े पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए एक दलित की नौकरी छीनने के आरोप नवाब मलिक ने लगाए
गले की हड्डी – किरण गोसावी
- किरण गोसावी ने कहा कि मैं वही किरण गोसावी हूं, जो एनसीबी की रेड में शामिल था।
- मैं 6 अक्तूबर तक मुंबई में ही था।
- 3 से 6 अक्तूबर के बीच इतने धमकी भरे कॉल आए कि मुझे फोन बंद करना पड़ा।
- मुझे धमकी भरे फोन आए। मुझे कहा गया कि जेल में मार डालेंगे। मेरी जगह आप होते, तो क्या करते?
- 6 अक्तूबर तक मैं मुंबई में ही था। मैंने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को धमकी वाले कॉल की जानकारी दी।
- 6 अक्तूबर के बाद से समीर वानखेड़े से मैंने कोई बातचीत नहीं की है।
- मुझे 8 से 10 नंबर से फोन आते रहे, जो मेरे पास लिखे हुए हैं।
- मैं समीर वानखेडे को निजी तौर पर नहीं जानता, उन्हें बस टीवी पर ही देखा था।
- जिस दिन मनीष भानुशाली को सूचना मिली थी, उस दिन हम एनसीबी गए और वीवी सिंह से मिले। समीर वानखेड़े से बाद में मुलाकात हुई।
- इसके पहले, मैं नारकोटिक्स कंट्रोल की छापामारी में कभी शामिल नहीं रहा हूं।
- एक पंचनामा मैंने जहाज पर साइन किया, जो मुनमुन धमेचा का था।
- मुनमुन धमेचा का पंचनामा उसी की हैंडराइटिंग में था।
- जिस कागज पर मैंने साइन किया था, उस पर 10 लोगों के नाम थे। एक पंचनामा मैंने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के दफ्तर में साइन किया।
- आर्यन से पहले बातचीत नहीं हुई थी। आर्यन ने मुझे कहा कि मेरे घर पर कोई फोन नहीं उठाएगा इसलिए मैनेजर पूजा डडलानी से बात करवा दें।
- आर्यन ने मुझे जो नंबर दिया, वो पहले नहीं लगा।
- बाद में मेरे नंबर पर किसी सैम का फोन आया। उसने कहा मुझे फोन नंबर दो, मैं फोन करूंगा।
- किरण गोसावी के मुताबिक कि प्रभाकर उसके पास काम करता था। मुझे नहीं पता कि वह आरोप क्यों लगा रहा है।
- 11 अक्तूबर से प्रभाकर मेरे संपर्क में नहीं है। उसने इनडायरेक्टली कहा था कि मुझे पैसा दो वरना पंचनामे पर साइन के बारे में कुछ बोल दूंगा।
- मेरे ऊपर एक मामला दर्ज है। अचानक उसमें सर्च वारंट पुलिस ने निकाल दिया। अचानक ही लुकआउट नोटिस भी निकाल दिया।
- जब यह खबर सामने आई, मैंने तभी पुणे पुलिस से कांटेक्ट करना चाहा था।
- मीडिया ने मेरे केस को ठीक से नहीं लिया।
- कोई जांच होगी तो इसमें सहयोग दूंगा और सामने आऊंगा।
प्रभाकर का एफिडेविट
- प्रभाकर साईल ने अपने एफिडेविट कहा कि एक नीली मर्सिडीज कार आई, जिसमें पूजा ददलानी को देखा। सैम, गोसावी और पूजा गाड़ी में बैठ कर बात करने लगे। सभी 15 मिनट बाद निकल गए। हम 15 मिनट बाद निकल गए। केपी गोसावी और मैं मंत्रालय पहुंचे।
- प्रभाकर के मुताबिक किरण गोसावी ने किसी से बात की, उसके बाद वाशी पहुंचे। इसके बाद केपी ने मुझे इनोवा गाड़ी में इंडियाना होटल के पास 50 लाख रुपए लेने भेजा।
- मैं 9:45 पर इंडियाना होटल के पास पहुंचा। वहां सफेद कार आई। मुझे दो बैग दिए, जिसमें कैश भरा था। इसे किरन गोसावी को ले जाकर सौंप दिया।
प्रभाकर ने डील के आरोप लगाए
- प्रभाकर का दावा है कि वे किरण गोसावी उर्फ केपी के बॉडीगार्ड रहे हैं। उनके कहने पर छापे वाले दिन टर्मिनल गए थे।
- गवाह नंबर एक प्रभाकर सील ने एफिडेविट में दावा किया कि छापामारी की रात सादे पंचनामे पर दस्तखत करवाए थे।
- प्रभाकर ने दावा किया कि इस केस में 25 करोड़ रुपए वसूली की बात सुनी थी। 18 करोड़ में बात तय होने पर 8 करोड़ रुपए एनसीबी अफसर समीर वानखेड़े को देने की बात भी हुई थी।
सुनवाई से पहले क्यों?
- आर्यन की जमानत के विरोध में एनसीबी ने अदालत में जवाब दाखिल किया, जिसमें लिखा कि केस की जांच को गलत भावना से प्रभावित करने की कोशिश हो रही है।
- एफिडेविट के मुताबिक 23 अक्टूबर 2021 को प्रभाकर साईल के कथित एफिडेविट से यह साफ है।
- मामला विचाराधीन है तो किसी अदालत में सुनवाई के पहले ऐसा डॉक्यूमेंट फाइल नहीं किया जाता है।
- हैरानी है कि इसे मीडिया में भी चुपचाप खूब फैलाया गया।
एनसीबी ने घेरा पूजा को
- गवाह प्रभाकर के एफिडेविट के आधार पर एनसीबी ने शाहरुख की मैनेजर को घेरने की योजना बनाई है।
- एनसीबी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हलफनामा दिया कि शाहरुख खान की मैनेजर पर उन्हें शक है।
- एनसीबी अधिकारियों ने अदालत में कहा कि प्रभाकर साईल के पलटने के बाद ऐसा लग रहा है कि पूजा ददलानी गवाह को प्रभावित कर रही हैं।
- गवाह प्रभाकर ने एफिडेविट में 38 लाख रुपे के लेन-देन और पूजा ददलानी का जिक्र भी किया है।
- एनसीबी ने बॉम्बे हाईकोर्ट में हलफनामा दिया कि शाहरुख की मैनेजर पर शक है कि गवाहों को वे बरगला रही हैं।
- प्रभाकर के पलटने के बाद एनसीबी को लग रहा है कि पूजा ददलानी ने गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की है।
- प्रभाकर ने एक एफिडेविट में 38 लाख रुपए के लेन-देन और पूजा ददलानी का जिक्र किया है।
- ड्रग केस के जांच अधिकारी वीवी सिंह ने आर्यन की जमानत के विरोध में कहा कि आर्यन प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जांच प्रभावित कर सकते हैं। प्रभाकर साईल की घटना ही देखें, तो जमानत नहीं होनी चाहिए।
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