लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड: धमकाता केंद्रीय मंत्री, हत्यारा मंत्रीपुत्र और लीपापोती करता मुख्यमंत्री
इंडिया क्राईम टीम
दिल्ली, 08 अक्तूबर 2021
लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में अब साफ हो गया है कि एक केंद्रीय मंत्री खुलेआम किसानों को धमकाता है कि वह राजनेता होने के अलावा भी ‘कुछ और भी’ है, उसका बेटा चंद घंटों बाद ही इस धमकी को अंजाम तक पहुंचा देता है, उसके बाद एक मुख्यमंत्री और पूरा सरकारी अमला मिल कर लीपापोती में लग जाता है। पूरे किस्से पर सिलसिलेवार नजर डालें।
- लखीमपुर किसान हत्याकांड में कुल 8 लोगों की जान गई है, जिसमें चार किसान प्रदर्शनकारी थे।
- लखीमपुर किसान हत्याकांड में यूपी पुलिस ने फौरनन तो गिरफ़्तारी की, न घटनास्थल सील किया।
- कहा जा रहा है कि आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को सुरक्षित नेपाल पहुंचाया जा चुका है।
- लखीमपुर खीरी हत्याकांड में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है।
- तिकुनिया थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 304-ए (लापरवाही से वाहन चलाने के कारण मौत), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 147 (दंगा करने), 279 (तेज ड्राइविंग), 338 (गंभीर चोट पहुंचाने, किसी व्यक्ति द्वारा जल्दबाज़ी या लापरवाही से कार्य कर मानव जीवन खतरे में डालने) के अलावा कुछ धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज हुई है।
- घटना के सूत्रधार केंद्रीय गृह राज्यमंत्री केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ और उत्तर प्रदेश के डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य के कारण योगी सरकार के हाथ बंधे हैं।
- ईमानदारी से जाँच और कार्रवाई हुई तो केंद्र और योगी सरकार की हालत खस्ता हो जाएगी।
- घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया है, जिसमें प्रदर्शनकारियों को खेतों के किनारे सड़क पर आगे बढ़ते देखा गया। पीछे से सलेटी एसयूवी ने उन्हें कुचल दिया।
उच्चतम न्यायालय में सुनवाई
- उच्चतम न्यायालय में योगी सरकार क्या स्टैंड क्या होगा, यह साफ है क्योंकि आदित्यनाथ ने कह दिया कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू के इस हत्याकांड में शामिल होने के कोई सबूत नहीं हैं।
- उच्चतम न्यायालय ने उत्तरप्रदेश सरकार को लखीमपुर हिंसा कांड की जांच में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए। यह बताने को कहा कि इसके अरोपियों के नाम बताएं और किसे गिरफ्तार किया है।
- अदालत ने यूपी सरकार से कहा कि मृतक लवप्रीत सिंह की मां को चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करे, जो मानसिक सदमे से अस्वस्थ हो गई हैं।
- चीफ जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ लखीमपुर खीरी हिंसा की स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है।
- मामले की सुनवाई शुरू हुई, चीफ जस्टिस ने कहा कि दो वकीलों ने उन्हें पत्र लिखा है, जिसमें अदालत से इस मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया है।
उत्तरप्रदेश सरकार की लीपापोती
- उत्तरप्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज लखीमपुर खीरी हिंसा कांड की जांच करेंगे।
- घटना में मारे गए चार किसानों के परिवारों को 45 लाख मुआवजा देने का ऐलान भी उप्र सरकार ने किया है।
- उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ यूपी में कानून व्यवस्था बेहतर होने के दावे करते रहे हैं।
- आदित्यनाथ ने पुलिस लाइन के कार्यक्रम में पुलिसकर्मियों को चेतावनी दी थी कि आप छोटे-छोटे मामलों में लापरवाही न बरतें, नहीं तो एक चूक सब कुछ मिटा देगी। साढ़े चार साल की मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
- आदित्यनाथ की इस बात को 24 घंटे भी नहीं बीते कि लखीमपुर खीरी में पुलिस लापरवाही सामने आ गई।
- लोकल इंटेलिजेंस की पूर्व सूचना के बावजूद इलाके में पर्याप्त पुलिस बल तैनात नहीं हुआ, जिससे पूरा मामला बिगड़ा।
- डिप्टी सीएम केशव मौर्य के दौरे के वक्त किसानों ने विरोध प्रदर्शन की तैयारी थी। इसकी जानकारी एलआईयू ने आला पुलिस अधिकारियों को दी थी।
- एलआईयू ने बताया कि डिप्टी सीएम के दौरे के समय किसान हंगामा कर सकते हैं, लिहाजा पर्याप्त तैयारी रखी जाए।
पुलिस का खेल
- पुलिस में दर्ज शिकायतों में आशीष उर्फ मोनू एकमात्र नामजद आरोपी है।
- आशीष के दो सहयोगियों आशीष पांडे और लवकुश राणा को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
- बहराइच निवासी जगजीत सिंह ने आशीष और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने हत्या और दंगा करने के आरोप लगाए हैं।
- सुमित जायसवाल की तरफ से दर्ज कराई एक एफआईआर में अज्ञात लोगों के खिलाफ दंगा करने, हत्या और लापरवाही के चलते मौत के आरोप लगाए हैं।
- तिकुनिया थाने के इं. बालेंदु गौतम ने जानकारी दी कि एक एफआईआर किसानों की तरफ से भी दर्ज हुई है।
- एडीजी (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार द्वारा जारी बयान में कहा, ‘तिकुनिया पुलिस स्टेशन क्षेत्र के तहत खीरी में रविवार को हुई घटना की जांच के दौरान अब तक नामित आरोपी आशीष मिश्रा के अलावा 6 आरोपियों की पहचान कर ली है। इन 6 में 3 की मौके पर मौत हो गई। बचे चार आरोपियों में दो की पहचान लवकुश और आशीष पांडेय के तौर पर हुई, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया है।’
- आशीष मिश्रा को मामले में दर्ज एफआईआर को लेकर सारे तथ्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं और लिखित, मौखिक या इलेक्ट्रॉनिक सबूत उपलब्ध कराने के लिए 8 अक्तूबर 2021 की सुबह 10 बजे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व पुलिस लाइन के क्राइम ब्रांच कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा गया।
- फॉरेंसिक टीम ने मौके पर मौजूद वाहन से 315 बोर के दो खाली कारतूस बरामद किए हैं। मेटल डिटेक्टर से मौका-ए-वारदात की दोबारा जांच की।
- लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि गिरफ्तार लोग कथित रूप से किसानों को कुचलने वाले काफिले में शामिल वाहनों में मौजूद थे।
- उन्होंने बताया कि एक एफआईआर में शिकायतकर्ता सुमित जयसवाल भी एक वाहन में मौजूद थे। उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस दिया है। सुमित बयान दर्ज कराने थाने में नहीं आए।
- अजय मिश्रा के घर पर पुलिस ने चिपकाया नोटिस, आशीष को बयान दर्ज कराना है।
- नोटिस में कहा है कि व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर लिखित, मौखिक तथा इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य प्रस्तुत करें और बयान दर्ज कराएं।
- तिकोनिया पुलिस स्टेशन में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज हुई हैं।
- पुलिस में दर्ज शिकायतों में आशीष एकमात्र नामजद आरोपी है।
- आशीष के दो सहयोगियों आशीष पांडे और लवकुश राणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
- इस मामले में एक वाहन आशीष का था।
- घटना के बाद क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी।
- मृतकों में किसानों के अलावा एक पत्रकार, भाजपा के दो कार्यकर्ता और एक ड्राइवर के नाम शामिल हैं।
- बहराइच निवासी जगजीत सिंह ने आशीष और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ हत्या और दंगा करने के एफआईआर दर्ज कराई है।
- तिकुनिया पुलिस स्टेशन के स्टेशन हाउस ऑफिसर बालेंदु गौतम ने जानकारी दी कि एक एफआईआर किसानों की तरफ से की गई शिकायत पर आधारित थी।
- एडीजी (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार की तरफ से जारी बयान में कहा है, ‘तिकुनिया थाना क्षेत्र के तहत लखीमपुर खीरी घटना की जांच के दौरान अब तक नामित आरोपी आशीष मिश्रा के अलावा 6 आरोपियों की पहचान कर ली है। इनमें से 3 की मौके पर मौत हो गई। बचे चार आरोपियों में से दो की पहचान लवकुश और आशीष पांडेय के तौर पर हुई, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया है।’
- बयान के अनुसार, आशीष मिश्रा को सारे तथ्य उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उसे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व पुलिस लाइन के क्राइम ब्रांच कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा है।
- लखनऊ रेंज की IG लक्ष्मी सिंह ने बताया कि गिरफ्तार लोग किसानों को कुचलने वाले काफिले के वाहनों में मौजूद थे। शिकायतकर्ता सुमित जयसवाल भी एक वाहन में मौजूद थे। उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस दिया है।
- एडीजी कुमार ने बताया कि निष्पक्ष पारदर्शी जांच के लिए जांच निगरानी कमेटी की अगुवाई पहले एडीशनल एसपी अरुण कुमार सिंह के जिम्मे थी, टीम में कुल 6 लोग थे। बाद में दो और वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया। इसके प्रमुख डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल हो गए, एसपी रैंक के अधिकारी सुनील कुमार सिंह इसके वरिष्ठ सदस्य बनाए गए।
गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बतोले
- अजय मिश्रा का दावा है कि उनका बेटा फरार नहीं है, उसे राजनीतिक द्वेष की भावना से फंसाया जा रहा।
- नोटिस के बावजूद क्राइम ब्रांच नहीं पहुंचा आशीष तो अजय मिश्रा बोले कि वो बीमार है, जल्द ही पुलिस के सामने पेश होगा।
पत्रकार रमन कश्यप की हत्या!
- मृत पत्रकार रमन कश्यप के परिवार पर एफआईआर बदलने का दबाव!
- पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने में प्रशासन कर रहा हीला-हवाली।
- पत्रकार रमन कश्यप के छोटे भाई पवन कश्यप ने कहा, “भाजपा पूरे मामले को बदलना चाहती है। पुलिस दबाव बना रही है कि मेरे भाई की मौत लाठी-डंडों से पीट कर हुई है। जबकि वीडियो में दिखता है कि तेज रफ्तार से तीन गाड़ियां आईं और मेरे भाई को टक्कर मारती आगे बढ़ गईं। रमन के शरीर पर भी सड़क से रगड़ के निशान हैं।”
- पवन का आरोप है कि रमन की मौत पर अब राजनीति की जा रही है।
- रमन के भाई पवन कहते हैं कि मेरा भाई किसान नहीं है। वह बीजेपी के कार्यकर्ता भी नहीं हैं। वे पत्रकार थे। प्रशासन राजनीतिक सुविधा से रमन के नाम का इस्तेमाल कर रहा है।
- पवन कश्यप का आरोप है कि पुलिस उनके परिवार पर दबाव डाल रही है कि रमन का नाम किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में डाला जाए।
- तिकुनिया पुलिस ने रमन हत्याकांड को भी उस एफआईआर में दर्ज किया है, जिसमें किसानों की मौत आशीष मिश्रा की गाड़ियों से कुचल कर हुई है।
- इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज करवाई हैं।
- एक एफआईआर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र के ऊपर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 279, 338, 302 और 120 बी के तहत दर्ज हुई है।
- दूसरी एफआईआर सुमित जायसवाल नामक व्यक्ति ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दंगा करने, लापरवाही से मौत का कारण बनने और हत्या के आरोप में दर्ज की है।
- 35 वर्षीय पत्रकार रमन कश्यप एक निजी स्कूल में पढ़ाते थे। वे साधना न्यूज़ के लिए रिपोर्टिंग भी करते थे।
- तीन अक्टूबर 2021 (रविवार) को वे मित्र योगेश दीक्षित के साथ किसान आंदोलन की कवरेज के लिए सुबह 12 बजे घर से निकले। करीब 1 बजे दोनों योगेश की गाड़ी से तिकुनिया पहुंचे।
- दोपहर लगभग तीन बजे प्रदर्शन मार्च करते किसानों पर तेज रफ्तार तीन गाड़ियां चढ़ गईं। ये गाड़ियां आशीष मिश्र की थीं। इसका कोई प्रमाण नहीं है कि अजय मिश्र का बेटा आशीष गाड़ियों में मौजूद था या नहीं।
- रमन के पिता राम दुलारे कहते हैं कि उन्हें तड़के तीन बजे पुलिस का फोन आया, जिसके जरिए उन्हें बेटे की मौत की सूचना मिली।
- रमन के परिवार का आरोप है कि उनकी मौत गाड़ी से कुचल कर से हुई है।
- राम दुलारे का आरोप है कि आशीष मिश्रा के कार्यकर्ताओं ने तेज रफ्तार से गाड़ी रमन के ऊपर चढ़ाई, जिससे रमन की मौत हुई।
- परिवार अलग एफआईआर की मांग कर रहा है। परिवार चाहता है कि एफआईआर में तीन गाड़ियों के मालिकान और गाड़ी के अंदर बैठे लोगो के नाम शामिल होने चाहिएं। पुलिस प्रशासन ऐसा नहीं चाहता है।
- पवन कहते हैं कि पुलिस दिखाना चाहती है कि मेरे भाई की हत्या हुई है लेकिन किसानों ने उसे लाठियों से मारा है। वे चाहते हैं कि हम किसानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में रमन की मौत का आरोप लिखवाएं। बीजेपी मेरे भाई को अपने साथ इसलिए जोड़ रही है ताकि दिखा सके कि चार किसानों के साथ चार बीजेपी कार्यकर्ताओं की भी मौत हुई है और क्रॉस-केस बने। पत्रकार का नाम भाजपा की तरफ से की एफआईआर में आता है तो बाकी पत्रकार भाजपा के खिलाफ नहीं दिखाई देंगे।
- रमन कश्यप की 32 वर्षीय पत्नी आराधना तगड़े सदमे में हैं। उनके दो बच्चे 11 वर्षीय वैष्णवी और ढाई वर्षीय अभिनव के आंसू अभी भी सूखे नहीं हैं।
- रमन के छोटे भाई रजत कहते हैं कि रमन निडर और सत्यवादी पत्रकार थे। वो सच दिखाते थे। उन्होंने पत्रकारिता को सामाजिक कल्याण के लिए हथियार बनाया था। कुछ महीनों पहले इलाके की एक बच्ची गायब हुई तो रमन ने उसे कवर किया। उस कवरेज के बाद बच्ची मिल गई। रमन दलाली नहीं करते थे।
- रमन के परिवार को अब तक पुलिस ने एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी भी नहीं दी है।
- तिकुनिया थाने के एसएचओ बलेंद्र गौतम ने पुष्टि की है कि एफआईआर की कॉपी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिवार को नहीं दी है। शव परीक्षण नहीं होने से देरी हो रही है। वे कहते हैं कि रमन का नाम किसानों द्वारा दर्ज एफआईआर में है। परिवार भी यही चाहता है।
एडिटर्स गिल्ड और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की चिंता
- एडिटर्स गिल्ड और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने पत्रकार रमन कश्यप की मौत पर चिंता जताई
- एडिटर्स गिल्ड ने मांग रखी कि कश्यप की मौत की विशेष जांच दल के नेतृत्व में अलग जांच करवाएं और मौत की परिस्थितियों का पता लगाया जाए।
- रमन कश्यप की हत्या पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन जस्टिस चंद्रमौली कुमार प्रसाद ने टीवी पत्रकार चिंता जताई है।
- इस मुद्दे पर पीसीआई अध्यक्ष ने मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि मामले के तथ्यों पर जल्द से जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
- एडिटर्स गिल्ड ऑफ इण्डिया ने भी बयान जारी कर रमन कश्यप की मौत पर खेद व्यक्त किया।
- गिल्ड के बयान में लिखा है कि यह स्पष्ट है कि रमन प्रदर्शनकारी किसानों पर रिपोर्टिंग कर रहे थे। रमन की मौत कैसे हुई इसके लिए स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। कश्यप की हत्या किसानों को भयाक्रांत करने के लिए आतंकवादी हमला है, जो कई सवाल खड़े करता है।
- गिल्ड की मांग है कि कश्यप की मौत की विशेष जांच दल के नेतृत्व में अलग जांच हो और मौत की परिस्थितियों का पता लगाया जाए।
- 3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम में शिरकत करने गए थे। तिकुनिया में किसानों ने दौरे का विरोध किया। काले झंडे दिखाए।
- आरोप है कि काफिले को काला झंडा दिखाते किसानों पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे ने कार चढ़ा दी। इसके बाद किसानों ने अजय की गाड़ी पर हमला बोल दिया। उसे आग के हवाले कर दिया। वह जान बचा कर निकला।
Lakhimpur Khiri, UP, Uttar Pradesh, Farmars Murder, Tukina Police Station, Editors Guild, Press Council Of India, Central Home Minister State, BJP, Member Of parliament, Ajay Kumar Mishra ‘Teni’, Dupty Chief Minister Keshav Prasad Mourya, Raman Kashyap, CM, Aditynath Yogi,