खेल खल्लास: माया डोलस : बगावत का अंजाम
डी-कंपनी के बागी सुपारी हत्यारे व निशानची माया डोलस को चार साथियों समेत लोखंडवाला की एक इमारत में मार गिराया, तो हाहाकार मच गया। इस खूनी मुकाबले में दो अफसर भी घायल हुए थे। माया की भीषण मुठभेड़ और मौत जुड़े तमाम रहस्य जानने के लिए लोग आज भी हाथ-पांव मार रहे हैं।
पुलिस को माया डोलस की टिप किसने दी? क्या माया के पास 27.50 लाख रुपए थे? अगर थे तो बरामद क्यों न हुए? क्या माया को मारने की सुपारी दाऊद ने पुलिस को दी? क्या वाकई माया बागी हो गया था?
पुलिस माया को गिरफ्तार करना तो चाहती थी लेकिन हर बार नाकामयाब रही। उनका हर जाल और चाल, माया की ‘माया’ के आगे कट जाता। माया का पैसा और खौफ, दोनों ही उसे बचाए हुए थे।
कहते हैं माया की उद्दंडता और स्वच्छंदता से दाऊद बुरी तरह भन्ना गया था। उसकी मनमानी से गिरोह में गलत संदेश जा रहा था। इसके तुरंत बाद हो गया माया का मुठभेड़ में खेल खल्लास।
दाऊद ने एक बार माया से कहा कि पुलिस से बचने के लिए कुछ दिन वसई-विरार में भाई ठाकुर के साथ रहे। माया को यह बात रास न आई। वह किसी के नीचे काम नहीं करना चाहता था। उसने हुक्मउदूली की। यह बात दाऊद को रास न आई। लिहाजा हो गया माया का खेल खल्लास।