खेल खल्लास: अजीज बाबा रेड्डी रक्त : पीने वाला हत्यारा
राजन गिरोह का सुपारी हत्यारा…
20 से अधिक हत्याएं कर चुका हत्यारा…
रक्त पीने व कच्चा मांस खाने वाला हत्यारा…
अजीज रेड्डी इंसानी जिस्म में छुपा ‘ड्रैकुला’ था, जो रक्त पीता और कच्चा मांस खाता था।
अब तक जितने क्रूरकर्मियों पर कलम चलीं, इसके मुकाबले का कोई न था। अब तक जितने गुंडे-हत्यारे किसी पुलिस वाले ने देखे थे, वह सबसे अलग था। अब तक जितने ‘भाई लोक’ के साथ गुंडों ने दिन गुजारे, उतना भयभीत न हुए, जितना इससे। क्यों? कैसे?
किसी कलमनवीस ने ऐसा जिंदा किरदार न देखा-न सुना। दो-चार पुलिसकर्मी भी उससे भिड़ने की हिम्मत नहीं करते थे। गुंडे उसके साथ एक ही कमरे में रहने के नाम भर से कांपते थे। यह था वेंकटेश बग्गा रेड्डी उर्फ अजीज रेड्डी।
रक्त पीने का एक खास तरीका रेड्डी ने ईजाद किया। वह भात में दाल की तरह जानवरों का खून मिला कर खाता रहा है। वेंकटेश ‘काली माता’ का भक्त था। पीने के लिए पशु रक्त न मिले तो वेंकटेश अपने हाथ की नसें काट लेता था।
पुलिस के मुताबिक अजीज रेड्डी ने फिल्म तारिका मनीषा कोईराला के सचिव देवानी की हत्या में शामिल नरेंद्र और भावेंद्र को मारा था।
हैदराबाद में अजीज रेड्डी ने मुंबई माफिया की तर्ज पर बी-कंपनी की स्थापना अप्रैल 2004 में की तो पुराने साथियों आसिफ, छपाला श्रीनू जैसे अपराधियों को साथ लिया।
सनकी निर्लज्ज हत्यारा रेड्डी खुद को भगवत भक्ति में सबसे ऊपर मानता था। गुनाह बख्शवाने दिन-रात मंदिरों के चक्कर जरूर लगाता लेकिन ‘हत्या करना’ भी कभी नहीं छोड़ा।
माहिम में शीतला देवी मंदिर के बाहर फरवरी 1998 में रेड्डी को उसका प्यार याने शहनाज मिली। इश्क में अंधे रेड्डी ने धर्म परिवर्तन कर नया नाम रखा ‘अजीज’, उसके बाद किया निकाह।
अजीज रेड्डी को खुश व शांत रखने के लिए पुलिस वाले भी हिरासतखाने में खाने के लिए कच्चा मांस देते थे। रेड्डी मांस के लोथड़े पहले चूसता ताकी कच्चा खून मिल सके। फिर चबा-चबा कर मांस खाता था।
अजीज को मांस खाते – लहू पीते देख खतरनाक हत्यारे भी सिहर उठते। वे तुरंत कोठरी बदलने की मांग करते। उन्हें डर लगता कि यह भयानक रक्तपिपासु सोते में मार कर उनका मांस खा जाएगा।
पुलिस अधिकारी मानते थे कि रेड्डी को रोकना यमराज के हाथों में है, उसे कानून रोक नहीं पाएगा। यह यमदूत भी यमराज रूपी पुलिस की गोलियों का शिकार बना। खून से प्यास बुझाने वाले खूनी खिलाड़ी का हो गया खेल खल्लास।