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देश की हालत के लिए सरकार जिम्मेदार

नेताओं के आश्वासन पर लोगों का भरोसा नहीं रहा। जरा क्रोनोलॉजी पर एक नजर दौड़ाएं।

30 जनवरी को कोरोना वायरस ने दी पहली दस्तक, केरल में मिला पहला मरीज।

12 फरवरी 2020 को राहुल गांधी ने कहा कोरोना से निपटारा होगा।

24 फरवरी को नमस्ते ट्रम्प का आयोजन होता है।

17 मार्च को कोरोना की गंभीरता देखते हुए पहली बार राजस्थान के सबसे बड़े आस्था धाम मेहंदीपुर बालाजी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए अनिश्चित काल तक बंद कर दिया। सके बाद लगातार मंदिर बंद होते गये।

20 मार्च को मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार का इस्तीफा होता है।

23 मार्च को मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

तब तक भारत सरकार चुपचाप बैठी रही।

किसी मिडिया की हिम्मत नहीं हुए मोदी सरकार से पूछने की कि 30 जनवरी को भारत में पहले कोरोना मरीज की पुष्टि हुई थी, तब भारत सरकार ने क्या कदम उठाया?

12 फरवरी को जब विपक्षी सांसद राहुल गांधी ने कोरोना मामले को गंभीरतापूर्वक लेने को कहा, तब मोदी सरकार ने क्या किया?

देश में कोरोना का संकट था, तब मोदी सरकार ने 24 फरवरी को नमस्ते ट्रम्प के नाम सामाजिक दूरी का ख्याल क्यों नहीं रखा?

मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने भी कोरोना वायरस की बात कह कर राजनीतिक उठापटक रोकने को कहा, तब मोदी सरकार ने कदम क्यों नहीं उठाया?

23 मार्च को भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री की शपथ सैकड़ों लोगों के बीच दिलवाई, तब मोदी सरकार ने सामाजिक दूरी का ख्याल क्यों नहीं रखा?

इस शपथ ग्रहण समारोह से ठीक एक दिन पहले अर्थात 22 मार्च को मोदी सरकार ने कोरोना वायरस के चलते देश की जनता को जनता कर्फ्यू में शामिल होने को कहा था, क्यों? इसके दूसरे ही दिन मध्य में पुनः भाजपा की सरकार बना दी। क्यों?

मोदी सरकार की ‘चाणक्य नीति’ ने बगैर पूर्व सुचना या विपक्ष को विश्वास में लिए बिना ही, 24 मार्च से तालाबंदी का फैसला कर 21 दिनों के लिए देश की जनता को दुविधा में डाल दिया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार से सवाल है कि जब फरवरी से विपक्ष आपको कोरोना वायरस से अवगत करा रहा था, तब आपको देश भर में फैले लाखों प्रवासी मजदूरों का ख्याल क्यों नहीं आया?

आप चाहते तो दो – तीन दिनों का समय उन प्रवासियों को दे सकते थे ताकी वे अपने गृह क्षेत्रों तक पहुँच जाएं। आपको लेकिन आदत है तीन-चार घंटे वाली शॉर्ट नोटिस देने की।

आज भारत में जो हो रहा है, वह दुनिया देख रही है। इसके लिए केवल मोदी सरकार ही जिम्मेदार है।

ऋषिकेश राजोरिया

लेख में प्रकट विचार लेखक के हैं। इससे इंडिया क्राईम के संपादक या प्रबंधन का सहमत होना आवश्यक नहीं है – संपादक

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