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डी-कंपनी की अवैध इमारतें – 3 – जकरिया स्ट्रीट में बनी तीन महीने में अवैध इमारत

  • तारिक परवीन ने बनाई है यह अवैध इमारत
  • बारिश के पहले ही बना दी अवैध इमारत डी-कंपनी ने
  • अवैध इमारत बनाने का तरीका बदल दिया गिरोह ने
  • 3 को 8 मंजिला इमारत बनाया इमारत माफिया ने

विवेक अग्रवाल

मुंबई, 12 दिसंबर 2015।

96, जकरिया स्ट्रीट। यह पता भी डी-कंपनी की अवैध इमारत का ही है। इमारत क्रमांक 98 के दांई तरफ बिल्कुल सटी हुई इस संपत्ती का अवैध निर्माण भी कुछ अरसा पहले ही डी-कंपनी के सिपहसालारों ने शुरू कर दिया है।

Mafia Illigal Building 96, Zakariya Masjid Street, Bhavnagari Mohalla, Chawal Gulli, Masjid BunIMG-20150604-WA0173

सूत्रों के मुताबिक यह इमारत भी तारिक परवीन के गुर्गों ने पुराने मालिकों से खरीद कर अवैध रुप से तामीर करने की प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। इस बार उन्होंने काम करने का तरीका बदला है।

 

पहले यह होता था कि इमारत को आगे से कैनवास के तिरपाल या प्लास्टिक की चादरों से ढंक कर तोड़ने के बाद तुरंत काम शुरू कर देते थे। इस बार इमारत का अगला हिस्सा सुरक्षित रखा है। उसे पीछे से तोड़ना शुरू किया है। वंही से निर्माण की व्यवस्था भी की है। पहले जब पीछे का काम पूरा कर लिया तो अब आगे भी तोड़ने और उसे बनाने का काम शुरू कर दिया है।

 

बता दें कि यह इमारत भी मनपा से महज मरम्मत की इजाजत लेने के बाद स्थानीय वॉर्ड अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से बन रही है। पहले यह मात्र 3 मंजिला थी, अब उसे 8 मंजिला किया जा रहा है।

 

पता चला है कि यह इमारत अभी निर्माण की प्रक्रिया में है, इसके चलते फिलहाल तो डी कंपनी के गुर्गे इसे 8 से 10 हजार रुपए प्रति वर्ग फुट के भाव से बेच रहे हैं। इमारत जब पूरी तामीर हो जाएगी तो इसका भाव 12 से 13 हजार रुपए प्रति वर्ग फुट मिलने लगेगा। तकरीबन 90 दिनों से इसका काम चल रहा है।

 

पता चला है कि इसका निर्माण बारिश के ठीक पहले डी-कंपनी के प्यादों ने तेज कर दिया था क्योंकि मुंबई में बारिश के पहले छींटे पड़ने के कारण तब उसे बनाने में देर होने का डर पैदा हो गया था। यदि तेज बारिश होने के पहले इमारत बन कर तैयार नहीं होती, तो उन्हें कम से कम 4 माह तक रुकना पड़ता। इस दौरान अवैध इमारत बनाने वाले इस गिरोह को न केवल नुकसान होता बल्कि लागत खर्च भी बढ़ जाता। ऐसे में लाभ भी गिर जाता।

 

इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पूरी इमारत का निर्माण पारिश के पहले – पहले ही पूरा करके उसे बेचने पर भी ध्यान देने लगे थे। अंततः रिकॉर्ड दो महीने के समय में पूरी इमारत खड़ी कर दी और उसे बेच भी दिया है।

2 thoughts on “डी-कंपनी की अवैध इमारतें – 3 – जकरिया स्ट्रीट में बनी तीन महीने में अवैध इमारत

  • drharish shetty

    Desh ke gaddar ka yehi haal hona chahiye
    Bharat desh se kamaya our bharat desh se gaddar karne wale ka ek ,ek rupaya desh ke tijori me jaana chahiye

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