झूठी खबरों से सावधान – कोरोना पर #FakeNews
इटली के शहर मिला में लाशों का अंबार लगी तस्वीर।
सच्चाई – फिल्म कांटेजिअन का दृष्य है। कोरोना से इसका कोई संबंध नहीं है।
रूस में 500 शेर सड़कों पर।
सच्चाई – एक फिल्म का दृष्य है।
498 रुपए का जिओ का फ्री रीचार्ज दिया जा रहा है।
सच्चाई – कंपनी ने ऐसी योजना नहीं पेश की है। कुछ हैकर इस तरह के दावों वाले ईमेल और सोशल मीडिया पर लिंक भेज कर आपका बैंक खाता काली करने का सामान कर रहे हैं।
कोविड 19 कोरोना की दवा के बक्से दिखाए जा रहे हैं कि ये दवा बन चुकी है।
सच्चाई – यह दवा नहीं, जांच किट है, जिससे किसी व्यक्ति में कोरोना होने या न होने की जांच होती है।
कोरोना वायरस का जीवन 12 घंटे तक।
सच्चाई – 3 घंटे से 9 दिन तक ही कोरोना वाईरस किसी भी सतह पर जीवित रह सकता है।
कई लोग जमीन पर पड़े सहायता के लिए चिल्ला रहे हैं।
सच्चाई – 2014 के एक आर्ट प्रोजेक्ट की तस्वीर को कोरोना से जोड़ कर दिखाया है, जो बिल्कुल निराधार और भ्रामक है।
डॉ रमेश गुप्ता की किताब जंतु विज्ञान में कोरोना का इलाज बताया है।
सच्चाई – एसा कुछ भी नहीं है।
मेदांता हास्पिटल के डॉ. नरेश त्रेहन ने नेशनल इमर्जेंसी की अपील की है।
सच्चाई – डॉ. त्रेहन ने ऐसी अपील नहीं की है।
एक डॉक्टर दंपत्ति की तस्वीर, जिसे 134 पीड़ितों का इलाज करने के बाद कोरोना संक्रमण हो गया।
सच्चाई – तस्वीर किसी डॉक्टर दंपत्ति की नहीं है। एयरपोर्ट पर खड़े एक जोड़े की है।
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झूठी अफवाहों के बहकावे में न आएं। धैर्य न खोएं।
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घर में रहें, सुरक्षित रहें।