Drugs: विक्की गोस्वामी गिरोह के खिलाफ कीनिया अदालत में गंभीर आरोप
इंडिया क्राईम
13 नवंबर 2014
नशा माफिया सरगना विक्की गोस्वामी की कीनिया में गिरफ्तारी के कारण पूरी दुनिया में खासा हंगामा मचा हुआ है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक विक्की और उसके साथियों के खिलाफ दर्ज मामले की संख्या 14 सीआरआईएम 716 है, जो 28 अक्तूबर 2014 को एक अमरीकी पुलिस स्टेशन में दर्ज है। इसमें उनके खिलाफ नशा तस्करी का आरोप दर्ज है।
अमरीका के शहर न्यूयॉर्क की सदर्न डिस्ट्रिक्ट अदालत के एक जज गैब्रियल गोरेंस्टाईन ने विकी गोस्वामी की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था। उसे बाद कीनिया सरकार तक एफबीआई ने अमरीकी दूतावास के जरिए 10 नवंबर को पहुंचाया। इसके बाद संयुक्त अभियान में चारों आरोपियों को को पुलिस ने धर दबोचा।
इस अदालती आदेश में कहा गया है कि इन चारों की तलाश अमरीकी पुलिस को है और उनके खिलाफ अमरीकी अदालत में मुकदाम चलाना है।
विक्की ने पूरे गिरोह के बचाव के लिए कीनिया के सबसे मशहूर वकीलों गिकांडी नगीबूनी और क्लिफ ओंबेटा को पैरवी के नियुक्त किया है। क्लिफ ओंबेटा ने अदालत में जिरह करते हुए कहा कि इनके मुवक्किलों को निजी मुचलके पर अदालत को रिहा कर देना चाहिए।
यह लग रहा है कि विक्की और उसके साथी कीनिया से अमरीका न भेजने जानने के लिए तगड़ी कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी में है।
अदालत में आरोप पक्ष के वकील सहायक निदेशक एलेक्जेंडर मुटेटी ने एक शपथपत्र पेश किया जिसमें बक्तश को संगठित गिरोह का सरगना और नशा तस्कर गिरोह का संचालक बताया है। उसके भाई इकबाल को इसका मुख्य सहयोगी या चीफ लेफ्टीनेंट बताया है।
पुलिस ने दावा किया है कि बक्तश का गिरोह अफगानिस्तान, पाकिस्तान, मध्य पूर्वी और पूर्वी अफ्रिकी देशों के लिए नशा तस्करी करता है। विक्की गोस्वामी को सरकारी वकील ने अपने शपथ पत्र में बक्तश गिरोह का मुख्य प्रबंधक निरूपित किया है। उसकी भूमिका बताई है कि वह बक्तश गिरोह के लिए नशा बनाने और उसके वितरण या बिक्री में मददगार है।
मुटेटी का कहना है कि इन आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया तो वे फरार हो जाएंगे। उनके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस है। इशसे यह संदेश जाएगा कि हम विश्व पुलिस संगठन याने इंटरपोल के साथ सहयोग नहीं कर रहे हैं। यह उन संधियों का उल्लंघन होगा जो कीनिया और अमरीका के बीच हुई हैं।
98 पैकेट हेरोईन जब्त
कीनिया पुलिस के अधिकारी हामिसी मास्सा के मुताबिक 7 नवंबर 2014 को नैरोबी काऊंटी में 98 पैकेट हेरोईन जब्त हुई थी। यह हेरोईन इसी गिरोह की थी। इन सबसे पूछताछ करने और नशा बनाने व उसके यातायात की तफसील से जानकारियां हासिल करने के लिए पुलिस ने 14 दिनों की पुलिस हिरासत हासिल करने में सफलता हासिल कर ली।
श्री मास्सा ने दावा किया कि यह गिरोह विश्वस्तरीय नशा तस्करी में है और कीनिया व अमरीका के बीच नशा तस्करी में महारत रखता है। उनके मुताबिक सभी आरोपियों के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और वे साबित होते हैं तो उनके लिए कीनिया व अमरीका दोनों देशों ही सजा बेहद कड़ी है।
अमरीका ने मांगा विक्की गोस्वामी
अमरीकी जांच एजंसियों ने नशा तस्करी के सभी आरोपियों, बक्तश अकाशा अब्दल्ला, इब्राहिम आकाशा अब्दल्ला, (दोनों कीनिया निवासी) विजयगिरी आनंदगिरी गोस्वामी उर्फ विक्की गोस्वामी (भारतीय) और गुलाम हुसैन शाहबख्श (पाकिस्तानी) के प्रत्यर्पण की अधिकारिक रूप में मांग कीनिया सरकार के समक्ष रख दी है।
इसके कारण विक्की गोस्वामी और ममता कुलकर्णी के लिए खासी समस्याएं खड़ी होती दिखने लगी हैं। यह बात और है कि विक्की के वकीलों ने अदालत में कहा है कि इनके किसी मुवक्किल के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस नहीं है और उन्हें तुरंत जमानत पर रिहा करना चाहिए। सरकारी वकीलों ने अदालत में चूंकी इस नोटिस की कोई प्रति जमा नहीं की है, इसके चलते पुलिस का यह दावा सच नहीं माना जा सकता है। इस पर अदालत ने पुलिस को रेड कॉर्नर नोटिस जमा करने के आदेश दिए थे।
अमदावादी विजय बना दुबई में विक्की
विजय आनंदगिरी गोस्वामी उर्फ विक्की गोस्वामी का बचपन गुजरात के शहर अहमदाबाद के पुराने इलाके में ही बीता था। उसका पैतृक निवास अहमदाबाद के पालडी इलाके में लक्ष्मीकुंज सोसायटी के बंगला नं. 6 है। यहां विक्की का परिवार आज भी रहता है।
परिवार कहता तो यही है कि उन्होंने विक्की से रिश्ते खत्म कर लिए हैं लेकिन अहमदाबाद में यह बात मानने के लिए न पुलिस तैयार है, न स्थानीय पत्रकार, न खुफिया एजंसियां और न ही मुखबिर।
विक्की बचपन से ही बेहद अमीर होने और शानदार जीवन जीने के सपने देखता था। उसने लगातार यही कोशिश की कि पैसों का अंबार लगा ले। कई किस्म के काम किए लेकिन अच्छी कमाई नहीं हुई तो अंततः वह गिरोहबाज बन बैठा।
जब विक्की के संबंध दाऊद गिरोह से हुए और उसे नशा तस्करी में कमाई की असीम संभावनाएं दिखीं, तो उसने पैसों के खातिर यह जहर युवा पीढ़ी के लिए मुहैय्या करवाने का काला खेल खेलना शुरू कर दिया था। इकबाल मिर्ची की मौत के बाद वह देश का नंबर वन नशा तस्कर बन गया था।