दाऊद गिरोह के गुंडे नई करंसी के कारोबार में – करोड़ों का कर रहे हैं रोजाना वारा-न्यारा
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 14 नवंबर 2016
मुंबई में दाऊद गिरोह के लोगों ने अब कमाई का एक नया जरिया खोज लिया है। अंडरवर्ल्ड और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ आर्थिक लड़ाई के बेहतरीन और एकमात्र हथियार के रुप में प्रचारित भारत सरकार की 500 और 1000 के नोट बंद करने की योजना का इस्तेमाल हवाला कारोबारी और दाऊद गिरोह के गुर्गे मोटी कमाई के लिए कर रहे हैं। हवाला कारोबारी और डी कंपनी के कुछ सिपहसालार अपने इलाकों में करोड़ों रुपए की काली कमाई सफेद करने का धंधा चलाए हुए हैं।
डी-कंपनी का नया धंधा
सूत्रों के मुताबिक दाऊद गिरोह के सदस्य डोंगरी, नागपाड़ा, मुसाफिर खाना, अब्दुल रहमान स्ट्रीट, खड़क, पायधुनी, आग्रीपाड़ा इलाकों में पुरानी करंसी बदलने का कारोबार कर रहे हैं। वे एक लाख रुपए की पुरानी करंसी के एवज में तुरंत 70 हजार रुपए की असली करंसी में भुगतान कर रहे हैं। या तो नए दो हजार रुपए के नोट दे रहे हैं या फिर 100 रुपए के नोट में भुगतान किया जा रहा है।
नाम न छापने की शर्त पर इलाके के एक युवक ने बताया कि गिरोहबाजों ने अपने साथ काम कर रहे लड़कों को इसी काम पर लगा दिया है। हर लड़के को चार हजार रुपए की पुरानी करंसी और उसके एक पहचान पत्र के साथ बैंकों से धन बदल कर लाने के काम में लगाया है। एक व्यक्ति एक दिन में तीन से चार बैंकों से रकम बदलाने का काम कर करने में सफल हो रहा है। इस तरह एक ही व्यक्ति कम से कम 12 हजार रुपए की नई नकदी ला रहा है।
इस मुखबिर का कहना है कि गिरोह के एक-एक सिपहसालार या जत्थेदार ने अपने सौ-सौ बंदों को इस काम पर लगाया है। एक दिन में ये 100 लोग मिल कर एक सिपहसालार या जत्थेदार के लिए एक से सवा करोड़ रुपए की पुरा
नी करंसी बदलने में सफल हो रहे हैं। इस एक करोड़ रुपए पर हर दिन गिरोह के लोग 30 लाख रुपए की मोटी कमाई कर रहे हैं।
हवाला में मोटी कमाई
हवाला कारोबारी भी इस वक्त का बेहतरीन फायदा उठा रहे हैं। कल तक जो हवाला कारोबारी महज एक से चार फीसदी कमीशन पर काम करते थे, आज वे ही 20 से 30 फीसदी जितना मोटा कमीशन मांग रहे हैं। काला धन रखने वाले मजबूरन उन्हें यह मोटी रकम चुका भी रहे हैं। इस कमीशनखोरी में हवाला कारोबारियों की तिजोरियों भरने लगी हैं।
चीन का चक्कर
पहले जो कारोबारी अपनी रकम चीन भेजते थे, हवाला कारोबारी उनसे एक लाख रुपए की नकदी मुंबई में लेते थे, बदले में उन्हें चीन के किसी भी शहर में नकद 9,500 युआन देते थे। अब यही हवाला कारोबारी चीन में रकम देने के लिए एक लाख पर मात्र 6 हजार 600 युआन ही दे रहे हैं। इतना मोटा कमीशन होने पर भी चीन से कारोबार करने वाले व्यापारियों ही नहीं, वहां अपना छोटा-मोटा संबंध रखने वाले लोग भी रकम फिलहाल तो हवाला करवा रहे हैं। बाद में यही रकम वे किसी और माध्यम से वापस ले आएंगे।
दुबई का दलदल
हवाला कारोबारियों द्वारा पहले एक लाख रुपए के सामने दुबई में 5,300 दिरहम चुकाए जाते थे। यह खेल भी नकद में ही होता था। अब यही रकम एक लाख रुपए पर घट कर महज 4,000 दिरहम रह गई है। हवाला कारोबारियों की दुकानों और ठिकानों पर दुबई के लिए हवाला करने वालों की तो एक तरह से कतार ही लगी हुई है।
दुबई के लिए बड़ी मात्रा में हवाला होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है कि लोग वहां जाकर सोना खरीद कर ले आएंगे। आगामी कुछ दिनों में दुबई से सोना या मंहगे सामान खरीद कर भारत अधिकृत रूप से लाने का नया चलन देखा जा सकता है। एक मुखबिर के मुताबिक लोग बड़ी मात्रा में अच्छी क्वालीटी का केसर भी ला सकते हैं। मिस्र का अच्छा केसर भारत में मोटी कीमत पर बिकता है। अधिक मात्रा में यह अपने प्रयोग के नाम पर लाने पर कोई रोक-टोक न होने के कारण भी दुबई से केसर की आमद बढ़ सकती है। बाद में उसे बाजार में बेच कर अपनी रकम फिर नई करंसी में लोग खड़ी कर सकते हैं।