डी कंपनी का सिपहसालार तारिक परवीन और पुलिस मुखबिर सलीम महाराज अपराध शाखा के शिकंजे में
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 10 फरवरी 2020
गिरोह सरगना एजाज लकड़ावाला की गिरफ्तारी के साथ मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने और भी गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरु कर दिया है। इस कड़ी में ताजा नाम तारिक परवीन का जुड़ गया है।
हफ्तावसूली के नए मामले में पहले एजाज, फिर सलीम महाराज, अब तारिक की गिरफ्तारी हुई है। कुछ और गिरफ्तारियां आईँदा दिनों में भी हो सकती हैं।
एजाज के बयानों के आधार पर मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने डोंगरी से तारिक को 9 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया।
नया मामला
सन 2019 में एक कारोबारी से दो करोड़ रुपए हफ्ता मांगने का मामला एमआरए मार्ग थाने में दर्ज हुआ। इस मामले में एजाज पहले ही गिरफ्तार हो चुका है।
एजाज की धरपकड़ के बाद मुंबई पुलिस के सबसे बड़े मुखबिरों में से एक सलीम फर्नीचरवाला उर्फ सलीम पेनवाला उर्फ सलीम दाढ़ी उर्फ सलीम महाराज को भी पुलिस ने धर दबोचा।
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के प्रभारी और संयुक्त पुलिस आयुक्त संतोष रस्तोगी का कहना है कि इस मामले में तारिक की गिरफ्तारी के बाद संख्या तीन पर जा पहुंची है।
मेवा कारोबारी का ‘वसूली मेवा’
दक्षिण मुंबई में रहने वाले सूखे मेवों के एक कारोबारी से एजाज ने दो करोड़ रुपए मांगे थे। परवीन एक तरफ जहां कारोबारी को जताता रहा कि उसके साथ है।
परवीन ने एजाज से मध्यस्थता करवाने के नाम पर सलीम महाराज को सामने लाकर बात की। उसने कहा कि ये कारोबारी इतनी रकम नहीं दे सकेगा, कुछ कम करनी होगी। सौदेबाजी हुई। रकम 10 लाख तय हुई। मेवा कारोबारी ने तीन लाख रुपए चुका दिए।
कारोबारी से बाकी सात लाख वसूलने के लिए परवीन और सलीम मेवा कारोबारी के पीछे पड़े रहे। एजाज की इस हरकत से मेवा कारोबारी इतना दुखी हुआ कि 2014 में कामकाज समेट कर गुजरात भाग गया गया।
पुलिस अधिकारी बताते हैं कि परवीन और सलीम सात लाख रुपए मांगने के पीछे इसलिए पड़े रहे क्योंकि उन्हें अपना हिस्सा नहीं मिला था। अधिकारियों के मुताबिक इस दौरान सलीम और परवीन लगातार एजाज के संपर्क में बने रहे।
सबूतों के पीछे पुलिस
पुलिस इस कोशिश में लगी है कि सलीम और एजाज के बीच व्हाट्सएप पर टेक्स्ट में जो बातें हुई हैं, वह हासिल हो जाए ताकि कितने लोगों से उन्होंने हफ्तावसूली की, वह रकम कहां-कहां गई, सब कुछ पता चले।
एजाज, तारिक और सलीम के खिलाफ मकोका के तहत मामला दर्ज हुआ है।
तारिक परवीन
तारिक डी-कंपनी में लंबे अरसे से सक्रिय है। वह 2004 में दुबई से भारत प्रत्यर्पित हुआ था। उसके खिलाफ हफ्तावसूली के कई मामले दर्ज हैं।
प्रत्यर्पण के बाद कुछ समय जेल में रहने के बाद तारिक रिहा हुआ। फरवरी 2015 में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने जुहू के एक बिल्डर से तीन करोड़ रुपए हफ्ता वसूलने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस मामले में भी उसे जमानत मिल गई थी।
इसके बाद 20 साल पुराने हत्याकांड के सिलसिले में ठाणे एंटी एक्सटॉर्शन सेल ने अगस्त 2018 में परवीन को गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने दावा किया कि एक केबल ऑपरेटर मोहम्मद इब्राहिम बांगड़ीवाला की हत्या में शामिल होना तारिक परवीन ने पूछताछ के दौरान स्वीकारी थी।
सलीम महाराज
सलीम फर्नीचरवाला उर्फ सलीम पेनवाला उर्फ सलीम दाढ़ी उर्फ सलीम महाराज के बारे में सब जानते हैं कि वह मुंबई पुलिस, कस्टम्स और खुफिया ब्यूरो के कई उच्चपदस्थ अधिकारियों का मुखबिर है।
वह पुलिस अधिकारियों को डी-कंपनी और सोना, हथियारों, नकली करंसी वगैरह की सूचनाएं देकर खुश करता रहा है। साथ ही साथ वह डी कंपनी को भी सूचनाएं देकर हफ्तावसूली करवाता रहा है।
एक पुलिस अधिकारी बताते हैं कि सलीम खुद भी डी-कंपनी के दुबई से प्रत्यर्पित होकर आए सिपहसालारों के साथ मिल कर चीन तथा कुछ देशों से कई किस्म के सामानों की तस्करी में शामिल रहता है।
उसकी काली करतूतों पर पुलिस और खुफिया अधिकारी हमेशा आंख मूंदते रहे हैं। उसके गिरफ्त में आने पर डी-कंपनी से जुड़े अफसरान की जानकारी सामने आएगी, इस पर शक ही है।
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