Cricket Betting: भारत-पाक मैच पर लगा सैंकड़ों करोड़ का सट्टा, क्रिकेट वर्ल्ड कप पर सट्टेबाजी का बाजार गर्म
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 22 अक्तूबर 2022।
मेलबोर्ड क्रिक्रेट ग्रांऊड, ऑस्ट्रेलिया में आज से वर्ल्ड कप चालू हो गया है और क्रिकेट के इस महाकुंभ पर जहां उसके चाहने वालों की भीड़ उमड़ी है, वहीं बुकियों और पंटरों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। इस बार भी लगभग 20 हजार करोड़ रुपए का सट्टा विश्व कप पर लगने की उम्मीद सट्टा बाजार जता रहा है।
तगड़े दावेदार की पहली हार
विश्व कप में 22 अक्तूबर 2022 को हुए पहले ही मैच में भारी उलटफेर हुआ, जिससे पंटरों को भारी नुकसान हुआ, तो बुकियों की दीवाली मन गई।
ऑस्ट्रेलिया की जीत का भाव 37 पैसे था, जबकि 2.50 रुपए न्यूजीलैंड की जीत पर लगे थे लेकिन हो उलटा गया। न्यूजीलैंड की हार के चलते पंटरों को भारी नुकसान हुआ है।
भारत-पाक मुकाबला
23 अक्तूबर 2022, रविवार को भारत पाक के बीच पहला मैच होने जा रहा है, जिसे लेकर क्रिकेट प्रेमियों में भारी उत्साह देखा जा रहा है।
भारत की जीत पर 57 पैसे का भाव चल रहा है, तो पाकिस्तान की जीत पर 1.70 रुपए का भाव है।
लंबी पारी पर जो सौदे चल रहे हैं, उनमें 20 ओवर में भारत के खिलाड़ी 174 रन लेंगे, ऐसा अनुमान बुकियों ने लगाया है, जबकि पाकिस्तान के खिलाड़ी 20 ओवर में 164 रन बना सकते हैं।
बुकियों का अनुमान है कि भारत 6 ओवर में 48 रन और पाकिस्तान 6 ओवर में 47 रन बना सकता है।
कितना होगा खेला
एक बुकि के मुताबिक हर गेंद पर रेट बदलते रहेंगे और अभी तो एडवांस सौदे हो रहे हैं।
इस बुकि के मुताबिक वर्ल्ड कप 2022 में भारतीय सट्टाबाजार में कुल टर्नओवर 20 हजार करोड़ होने की संभावना है।
बुकियों का कहना है कि मेलबोर्न में बारिश का थोड़ा खतरा बना हुआ है, जिससे मैच के रुकने या विघ्न पड़ने पर सट्टेबाजी पर भी असर पड़ने की संभावना बनी हुई है।
कप का भाव
वर्ल्ड कप के लिए कप का भाव भी बुकियों ने खोले हैं। कौन से देश की टीम वर्ल्ड कप लेकर अपने देश जाएगी, उस पर भी रेट सामने आ चुके हैं।
देश > भाव
इंग्लैंड > 2.55 रुपए
इंडिया > 3.80 रुपए
न्यूजीलैंड > 5.60 रुपए
ऑस्ट्रेलिया > 6 रुपए
पाकिस्तान > 11 रुपए
श्रीलंका > 55 रुपए
अफगानिस्तान > 150 रुपए
आयरलैंड > 400 रुपए
बांग्लादेश > 500 रुपए
जिंबाब्वे > 600 रुपए
नीदरलैंड > 800 रुपए
स्कॉटलैंड > 1,000 रुपए
आज (22 अक्तूबर की) सुबह तक ऑस्ट्रेलिया के कप जीतने का भाव 3 रुपए था लेकिन उसके हारते पल भर में भाव बदल कर 6 रुपए हो गया है।
फैंसी सौदे
बुकियों का कहना है कि अब सट्टेबाजीर में फैंसी सौदे बहुत होने लगे हैं। इसके कारण सट्टेबाजी में धन का प्रवाह भी बढ़ा है।
हर खिलाड़ी के रन बनाने, आऊट होने, ओपनिंग पार्टनरशिप में कितने रन बनेंगे, 6 ओवर के सेशन में कितने रन बनेंगे, 10 ओवर के सेशन में कितने रन बनेंगे, जैसे फैंसी सौदे होते हैं। लंबी पारी याने पूरे मैच पर सट्टेबाजी जारी रहती है।
ऑनलाईन सौदेबाजी
बदलते वक्त के हिसाब से पूरा सट्टा अब ऑनलाईन हो चुका है। इन एप्स और वेबसाईट्स पर एक बार में 500 रुपए से 5 रुपए करोड़ रुपए तक का सट्ट लगाया जा सकता है।
बुकी कोडवर्ड में एप्स को ‘बटन’ कहते हैं। उसमें खेलियों या पंटरों के लिए लीमिट फिक्स की जाती है। जो जितनी रकम का खेलने ताकत रखता है, उतनी रकम एडवांस में जमा करवा देता है, उतनी ही रकम का सट्टा एप्स-वेबसाईट्स पर पंटर लगा सकता है।
बुकियों को पुलिस का डर बिल्कुल नहीं रह गया है। तमाम बड़े बुकि तो मैच सुरू होने के काफी पहले से अपने ठिकाने छोड़ कर गायब हो जाते हैं। वे सब विदेश जा बैठे हैं। अब जो भी बुकि पकड़े जाते हैं, छोटे-मोटे ही पकड़े जाते हैं।
अब पेमेंट की रकम यदि बड़ी हो तो हवाला से, और छोटी रकम हों, तो पेमेंट गेटवे के जरिए बैंक खातों और वॉलेट्स में किए जाते हैं।
बेटफेयर का एपीआई लेकर अपने एप्स-वेबसाईट्स में डाल दिया जाता है। अपने एप्स या वेबसाईट्स का लॉगईन-पासवर्ड भारतीय ग्राहकों को बुकि देते हैं। इससे देश को भारी नुकसान हो रहा है।
ऑनलाईन बेटिंग में पासवर्ड मिलते ही सट्टा लगाने के लिए खाता चालू हो जाता है।
ऑनलाईन बेटिंग के लिए पंटरों के बैंक खातों समेत तमाम जानकारियां बुकियों के पास जाती हैं। इस डाटा के हमेशा लीक होने का खतरा बना रहता है।
बुकियों ने अरने एप्स और वेबसाईट्स के लिए सर्वर दुबई, सिंगापुर, चीन, पाकिस्तान, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड, हॉंगकांग जैसे देशों में रखे हैं ताकि उन्हें भारतीय पुलिस का डर न रहे। इनके बहुत पॉवरफुल सर्वर हैं, जिसके कारण हर मिनट में लाखों सौदे होते हैं।
गेमिंग एप्स
टीवी में जिन गेमिंग एप्स के विज्ञापन आ रहे हैं, उनके बारे में कहा जा रहा है कि बड़े बुकियों के हैं। इसमें माफिया घुस गए हैं। ये सब हल्की जीच उड़ाने में मास्टर हैं। एक पुराने बुकी के मुताबिक हल्की चीज लगाना गलत है, उस पर खाना चाहिए। मैच में जो दिखता है, वैसा होता नहीं है।
–समाप्त–