CrimeMafia

ऑस्ट्रेलिया से बाली पहुंचने पर छोटा राजन गिरफ्तार

गृहमंत्री राजनाथ सिंह व आईबी निदेशक अनिल सिन्हा ने भी की पुष्टि

  • 27 सालों बाद छोटा राजन की गिरफ्तारी
  • गृह मंत्रालय ने की गिरफ्तारी की पुष्टि
  • 26 अक्तूबर को बाली पहुंचा था राजन
  • ऑस्ट्रेलिया से पहुंचा था छोटा राजन

विवेक अग्रवाल

मुंबई, 26 अक्तूबर 2015।

सीबीआई द्वारा किए एक अभियान के चलते मुंबई के गिरोह सरगना छोटा राजन की बाली हवाई अड्डे पर ऑस्ट्रेलिया से पहुंचने के तुरंत साथ ही गिरफ्तारी की खबर की पुष्टि भारतीय गृह मंत्रालय ने कर दी है। पता चला है कि ऑस्ट्रेलिया पुलिस ने छोटा राजन के बाली जाने के बारे में बाली पुलिस को जानकारी दी थी। इसके बाद ही छोटा राजन को वहां गिरफ्तार किया था।

Mafia Chota Rajan_01

55 साल के छोटा राजन के खिलाफ मुंबई में लगभग डेढ़ दर्जन मामले दर्ज हैं। वह पिछले 26 सालों से भारत से फरार है। 1995 में ही वह भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।

 

बाली पुलिस के प्रवक्ता हैरी वियांतो ने समाचार एजंसियों से इस खबर की पुष्टि की है कि राजेंद्र सदाशिव निकालजे उर्फ छोटा राजन को सिडनी से बाली पहुंचने पर गिरफ्तार किया है। सीबीआई निदेशक अनिल सिन्हा ने भी इसकी पुष्टि की है। कैनबेरा पुलिस ने बाली पुलिस को इसकी सूचना मिली थी। बाली पुलिस का कहना है कि राजन के खिलाफ भारत में हत्या के 15 से 20 मामले दर्ज होने की सूचना मिली है। उनका दावा है कि राजन को जल्द ही भारत के लिए प्रत्यर्पित कर देंगे।

 

इंटरपोल का दावा है कि उसके ऑस्ट्रेलिया में रहने की सूचना काफी समय से मिल रही थी। वह फर्जी पहचान पर वहां रहता था।

 

यह शंका भी बनी हुई थी कि बाली में गिरफ्तार कोई और नहीं बल्कि धारावाहिक हत्यारा मोहन कुमार उर्फ सायनाईड मोहन है, न कि छोटा राजन। भारत सरकार द्वारा पुष्टि करने के बाद शक के ये बादल छंटे। यह भी पता चला है कि वह मोहन कुमार की नकली पहचान और पासपोर्ट के जरिए ऑस्ट्रेलिया में इतने बरसों से छुपा हुआ था।

 

छोटा राजन पर कई बिल्डरों और दाऊद गिरोह के गुंडों की हत्या के मामले दर्ज हैं ही, अंग्रेजी के अखबार मिड डे के पत्रकार जे डे की हत्या के मामले में भी वह संदिग्ध व आरोपी है।

छोटा राजन ने गिरोहबाज बड़ा राजन की सरपरस्ती में खूंरेजी के इस काले कारोबार में उतरा था। वह काफी समय तक दाऊद इब्राहिम के साथ मिल कर काम करता रहा था। मुंबई के 12 मार्च 1993 के श्रृंखलाबद्ध बमकांड और दंगों के कारण नाराज होकर उसने दाऊद से संबंध तोड़ लिए थे और अपना गिरोह बना कर काम करने लगा था। उसके बाद सन 2000 में छोटा राजन पर जानलेवा हमला दाऊद गिरोह के सिपहसालार छोटा शकील के गुंडों ने किया था, जिसमें राजन बुरी तरह घायल हुआ था लेकिन उसका सेनापति धर्मेंद्र पांडे उर्फ बब्बू उर्फ रोहित वर्मा की मौत हो गई थी।

 

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी इस खबर की पुष्टि एक प्रेस कॉंफ्रंस में कर दी और ये भी कहा कि अभी उसकी पहचान और शिनाख्त की प्रक्रिया पूरी होगी, उसके बाद ही भारत वापसी की प्रक्रिया शुरु होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Web Design BangladeshBangladesh Online Market