Books: अछूत कुत्ता: कुरीतियों के खिलाफ कलम
अछूत कुत्ता: कुरीतियों के खिलाफ कलमपृष्ठ – 165 / अध्याय – 33 भारत ही नहीं, पूरा विश्व अजब-गजब किस्म की
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Read Moreये सब नकली हैं, किसी खुदग़र्ज़ की खुदग़र्ज़ी ने इन्हें बनाये हैं, इसे अमृत वर्षा समझ कर आप जो इसमें
Read Moreवीरान हवेली की दो महीने में शूटिंग पूरी हो गई। अगले छह महीनों में एडिटिंग भी पूरी हो गई। फिल्म
Read MoreDon noun: don; plural noun: dons; noun: Don BRITISH a university teacher, especially a senior member of a college at
Read Moreहाईवे पर पहुंचने के बाद संजय ने मुस्कुरा कर आगे बैठे टोनी पर नजर डाली, “क्या हाल है रौनक भाई…
Read Moreरज्जू भैया से आज फिर राजा भाई की बातें चल रही है। मुद्दा है वही कि कौन चुनाव जीतेगा –
Read Moreदेव कुमार अब डायरेक्टर हो गया। रहा वही मीठा और चीठा। सारे जहान को सेट पर बुला-बुला कर दिखाने लगा
Read More“मंझा सूंतने से क्या मतलब…” “मंझा किस काम का… निठल्लों का काम है पतंग उड़ाना… जब-तब मंझा उनके ही हाथ
Read More“हो रे बाबा, ये पटकन।” बाबू भाई ने शांत भाव से दांत कुरेदते हुए फोन रखा। कुर्सी से उठ कर
Read Moreलॉकडाऊन की बातें याद बनकर रह जाएंगीएक समय के बाद ये कहानियां बन जाएंगी कभी भी खाना और कभी भी
Read More“कोई काम हो तो दीजिए…” बाबू भाई ने मरी आवाज में कहा। “क्या कर सकते हैं…” गुप्ताजी सीधे मुद्दे पर
Read Moreरस्ते भर रो–रोकर पूछा हमसे पांव के छालों ने बस्ती कितनी दूर बसा ली दिल में बसने वालों ने यह
Read Moreनफ़रत के सौदागरों से हार के इस ज़ालिम दुनिया को ठुकरा कर तुम चले गए, कांटों के बीच बेबस गुलाब
Read Moreअसलम दुखी सा न्यूज़ देख के बोला, “बंटा अपुन का बॉलीवुड को किसी का नजर लग गयेला ऐ भाय… कल
Read Moreनन्हे हामिद को बाज़ार में शैतान मिल गया। हामिद ने कहा, “तुम बहुत बुरे हो दुनिया में फ़साद फैलाते हो…”
Read Moreवो हाथ तो क़िस्मत में मेरी है नहीं शायद आ बर्गे-हिना तुझको ही आंखों से लगा लूं यह शेर उस
Read Moreजंगलाधीश अपने आसन पर मुखमंडल पर निर्मल मुस्कान लिये ध्यान में लीन थे, शिकार के विरोध में जंगल में कबूतरों
Read Moreबे तेशा-ए-नज़र न चलो राह-ए-रफ़्तगां हर नक्श़-ए-पा बुलंद है दीवार की तरह ‘तेशा’ यानी पत्थर काटने का हथियार। ‘राह-ए-रफ़्तगां’ यानी
Read Moreकिसी मासूम बच्चे के तबस्सुम में उतर जाओ, तो शायद ये समझ पाओ, ख़ुदा ऐसा भी होता है. शायर ज़फ़र
Read Moreघर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें किसी रोते हुए बच्चे को हँसाया जाए निदा साहब ने
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