नेपाल में यूथ एसोसिएशन पदाधिकारी की हत्या : भारतीय गिरोहबाज ने ली जिम्मेदारी
मुंबई, 19.12.2016
अपराध संवाददाता
यूथ एसोसिएशन नेपाल के रूपनदेही चैप्टर के प्रभारी दुर्गा तिवारी की 19 दिसंबर 2016 की दोपहर में मुंबई के एक डॉन प्रसाद पुजारी के कुछ गुंडों ने गोली मार कर हत्या कर दी। दुर्गा तिवारी जब अपनी बाइक पर जा रहा था, तब उसे सामने से कई गोलियां हमलावरों ने मारीं।
नेपाल से कुछ सूत्रों ने बताया कि यह घटना 3:30 बजे दोपहर में घटी। उसकी छाती पर बांई तरफ गोली लगीं और वह मौके पर ही मारा गया। बटवाल पुलिस अधिकारियों ने भी इस घटना की पुष्टि की और बताया है कि हत्यारे भी बाइक पर आए थे। उनके मुताबिक दुर्गा तिवारी को इलाज के लिए अस्पताल भेजा था लेकिन वहां उसकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह घटना भोलिया रोड पर हुई है और हमलावरों की पक्की जानकारी नहीं मिली है। वे संख्या में कितने थे, यह भी पुलिस अधिकारियों को पता नहीं चल पाया।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दुर्गा तिवारी पर गोली मारी तो उसे देवदाहा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया था, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इंडिया क्राइम सूत्रों के मुताबिक दुर्गा तिवारी पर दो हमलावरों ने 9 मिमी की रिवॉल्वर से गोलियां चलाई थीं। इस हमले में कुल छह हमलावर शामिल थे। बता दें कि इसी गिरोह ने 6 माह पहले भी पहले दुर्गा तिवारी को मारने का प्रयास किया था।
सूत्रों के मुताबिक दुर्गा तिवारी ईंटों का कारोबार करता है। उस पर जब पहली बार हमला हुआ था, तब कुल आठ हमलावरों को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पता चला है कि इस बार के भी और पिछले हमले में भी प्रसाद पुजारी गिरोह के एक फौजदार मनोज राणा का ही हाथ है।
मनोज राणा ने चूंकी पिछला हमला भी करवाया था, तबसे ही काठमांडू पुलिस उसकी तलाश में लगी हैं। अब ताजा हमला सफल होने के बाद तो पुलिस उसकी तलाश में बुरी तरह पड़ी है लेकिन वह गायब हो गया है।
एक तरफ जहां पुलिस दुर्गा प्रसाद के हत्यारों को खोजने के लिए हलाकान हुई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ मुंबई के गिरोह सरगना प्रसाद पुजारी उर्प डबल पाना ने दावा किया है कि दुर्गा तिवारी पाकिस्तान की खुफिया एजंसी आईएसआई के लिए कई काम करता था। प्रसाद का यह बी दावा है कि दुर्गा तिवारी को पहले भी तीन बार चेतावनी दी थी कि वह भारत विरोधी गतिविधियां बंद कर दे।
प्रसाद पुजारी का यह भी दावा है कि दुर्गा तिवारी आईएसआई के लिए न केवल हवाला का काम करता था बल्कि उनके लिए मनीलॉन्ड्रिंग भी करता था। वह भारत विरोधी गतिविधियाों में लगे आईएसआई एजेंटों को नेपाल में पनाह देने का भी काम करता था। प्रसाद का कहना है कि दुर्गा तिवारी भारत मूल का ही है लेकिन वह भारत विरोधी कार्यों में लगा था, जिसके कारण उसे मारा है।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नेपाल के संविधान संशोधन के खिलाफ जो आंदोलन हुआ था उसमें की दुर्गा तिवारी ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था।