Cheat & ConCrimeExclusiveScamsWhite Coller Crime

एक ‘कंपनी’ की चोरी! : सीए एचआर कंचन पर लगा प्रतिबंध, 50 हजार का जुर्माना

  • सीए ने 45 साल पुरानी कंपनी ही लूट ली
  • एक निदेशक से मिल कर की कंपनी की चोरी
  • 44 करोड़ रुपए की रकम वाली कंपनी कर ली हड़प
  • दस्तावेजों में फर्जी दस्तखत करके हथिया ली कंपनी
  • प्रबंध निदेशक की सालों की मेहनत मिल गई मिट्टी में
  • 1998 से चल रहा था कंपनी हथियाने का यह काला खेल
  • मुंबई पुलिस की अपराध शाखा में चल रही है कंपनी चोरी की जांच
  • सीएमडी ओके ऑगस्टी को हुआ एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान

 

मुंबई। ओएफएस इंडस्ट्रीज प्रा. लिमिटेड नामक कंपनी के साथ जालसाजी और उसके कारोबारी हितों के खिलाफ काम करने के आरोप में सीए की सूची से चार्टर्ड अकाऊंटेंट हरीश रामप्पा कंचन की सदस्यता रद्द करने की सजा सनाई है। आईसीएआई के इतिहास में यह पहला मौका है, जब ऐसा कठोर दंड किसी सीए को इस शीर्ष संस्थान के चार वरिष्ठ पैनलिस्ट ने मिल कर सुनाया है।

 

चार्टर्ड अकाऊंटेंट हरीश रामप्पा कंचन को कंपनी हड़पने के लिए एक निदेशक ओके वर्गीज के साथ मिल कर साजिश रचने और व्यावसायिक दुराचरण का दोषी पाते हुए द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के अनुशानसन निदेशालय (डीओडी) ने छह माह के लिए सीए की सूची में से चार्टर्ड अकाऊंटेंट हरीश रामप्पा कंचन की सदस्यता (क्रमांक 036608) व नाम रद्द करने और 50 हजार रुपए का जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी।

 

इस आदेश में साफ तौर पर लिखा हुआ है, “चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स एक्ट (अमेंडमेंडेट), 1949 की धारा 21(बी)(3) के तहत अनुशासन समिती ने 50 हजार रुपए का नकद जुर्माना 30 दिनों के अंदर जमा करने और छह माह तक सीए की सूची से नाम निकाल देने की सजा सुनाई है।” आदेश के साथ आरोपी सीए हरीश रामप्पा कंचन को भेजे पत्र (क्र. पीआर/02/08/डीडी/29/2008/डीसी/53/09) पर डीओडी के सहायक सचिव शशी महाजन के हस्ताक्षर हैं। (पत्र की प्रति संलग्न है)

 

डीओडी के आदेश पर प्रिसाईडिंग ऑफीसर मनोज फडनीस, सरकारी नामिनी एसपीएस नागर और जोगिंदर सिंह के हस्ताक्षर हैं। इसमें कहा गया है, “डीओडी की राय में एचआर कंचन को चार्टर्ड अकाऊंटेंट्स एक्ट, 1949 की धारा 2 के भाग चार की पहले अनुदेश, धारा 7 व 8 के भाग एक के दूसरे अनुदेश के तहत व्यावसायिक दुराचरण का दोषी पाया जाता है।”

 

इस मामले में शिकायतकर्ता श्री ऑगस्टी के मुताबिक उनकी 45 सालों की मेहनत पर कुछ लोगों के लालच ने पानी फेर दिया। इस हरकत के कारण वे इस कदर टूट गए कि अब तक कोई कारोबार करने की स्थिति में नहीं रह गए हैं। बरसों तक चले कानूनी मुकदमेबाजी और पुलिस व डीओडी के चक्कर डाटने के कारण वे न केवल आर्थिक रूप से खस्ताहाल हो गए बल्कि आर्थिक रूप से भी बुरी तरह टूट गए हैं।

 

श्री ऑगस्टी कहते हैं कि इस कारण न केवल कंपनी के 44 करोड़ रुपए की संपत्तियों व कारोबार का भी उसी समय नुकसान हुआ था बल्कि कंपनी हड़पने के कारण उन्हें एक हजार करोड़ रुपए से भी अधिक का नुकसान पिछले कुल सालों में हुआ है। (आदेश की प्रति संलग्न है)

 

जब यह पूछा कि डीओडी के आदेश में लिखा है कि उन्होंने काफी सारे दस्तावेजी सबूत पेश नहीं किए हैं, इस श्री ऑगस्टी ने बताया कि तमाम दस्तावेज औऱ फाईलें वक्त-वक्त पर सीए कंचन किसी न किसी काम के लिए ले जाते रहे। जब उन्होंने एक निदेशक ओके वर्गीज के साथ कंपनी पूरी तरह मिल कर हड़प कर ली तो उनके पास एक भी दस्तावेज बचा ही नहीं था। ऐसे में कोई भी दस्तावेज पेश करना संभव न था। उन्होंने यह भी बताया इस मामले की जांच मुंबई पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही है।

 

श्रीगस्टी ने सीए कंचन और कंपनी के एक निदेशक ओके वर्गी पर आरोप लगाया है कि इन दोनों ने मिल कर उनके साथ न केवल धोखाधड़ी की है बल्कि जाली हस्ताक्षर किए हैं, नकली दस्तावेज बनाए हैं, शेयर हड़पे हैं, कंपनी के लगभग 150 करोड़ रुपए की रकम हजम कर ली है।

 

अधिक जानकारी के लिए संपर्क:

ओके ऑगस्टी, सीएमडी, ओएफएस इंडस्ट्रीज प्रा. लि., मुंबई

+91 9870 55 66 99

kanchan punishment_Page_2 kanchan punishment_Page_3 kanchan punishment_Page_4 kanchan punishment_Page_5 kanchan punishment_Page_6 kanchan punishment_Page_7 kanchan punishment_Page_1

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Web Design BangladeshBangladesh Online Market