Drugs: मौत की म्यांऊ-म्यांऊ – 2 : मुंबई का म्यांऊ-म्यांऊ पूरे देश में
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 2 मई 2015
खतरनाक और जानलेवा जहरीला रासायनिक नशा एमडी याने म्यांऊ-म्यांऊ अब मुंबई में ही नहीं बिक रहा है बल्कि इसका प्रसार पूरे देश में हो रहा है। यह काम कुछ संगठित गिरोहों द्वारा किया जा रहा है। इसके लिए कैरियरों का खूब इस्तेमाल हो रहा है।
सूत्रों के मुताबिक दक्षिण मुंबई के कुछ नशा तस्करों ने एमडी की तस्करी आसपास के राज्यों में भी करनी शुरू की है। ये नशा तस्कर ट्रेनों के जरिए दिल्ली, अजमेर, लखनऊ, बरेली जैसे शहरों में एमडी की आपूर्ती कर रहे हैं।
ट्रेन में म्यांऊ-म्यांऊ
इन सूत्रों का कहना है कि एक बार ये में कैरियर एक से दो किलोग्राम की मात्रा ही ले जाता हैं। अपने साथ बैग या सूटकेस में भर कर इस तरह से म्यांऊ-म्यांऊ ले जाते हैं, जैसे कोई सामान्य यात्री सफर पर निकला हो। चूंकि रेलवे स्टेशनों पर नशीले पदार्थों की जांच की कोई व्यवस्था नहीं होती है, इसके कारण आसानी से यह नशा पूरे देश में पहुंच रहा है।
1 की म्यांऊ-म्यांऊ 15 में
पता चला है कि मुंबई के थोक नशा बाजार में 7 लाख रुपए में म्यांऊ-म्यांऊ आसानी से उपलब्ध है। यह नशा दिल्ली और उत्तर भारत के राज्यों में आसानी से 12 से 15 लाख रुपए प्रति किलोग्राम की कीम पर बिक जाता है। बता दें कि पुलिस की सख्ती और एनडीपीएस एक्ट की प्रतिबंधित दवाओं की सूची में शूमार होने के पहले तक तो मुंबई के थोक नशा बाजार में यह म्यांऊ-म्यांऊ महज एक से 1.5 लाख रुपए प्रकि किलो की कीमत पर ही उपलब्ध था।
एक मुखबिर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दक्षिण मुंबई के कुछ ऐसे भी नशा तस्कर हैं, जिनके पास पुराना माल काफी तादाद में पड़ा था। उनके एक लाख रुपए कीमत वाले माल के अब सीधे 7 से 15 लाख रुपए तक मिल रहे हैं। कई नशा तस्कर इस खेल में रातों-रात करोड़पति हो गए हैं।
डी-कंपनी के दो सदस्यों का काला खेल
इस सूत्र के मुताबिक दक्षिण मुंबई में दाऊद गिरोह के दो सदस्यों ने भी इस खेल में खासी कमाई की है। एक का नाम शाहिद नलबाजार बताया है तो दूसरे का नाम वह सलीम बताता है। इन्होंने अपने ही इलाकों में इस नशे के गोदाम बना रखे हैं।
छोटी-छोटी मात्रा में हर दिन म्यांऊ-म्यांऊ की तस्करी दूरदराज तक की जा रही है। इसके लिए डोंगरी और उसके आसपास के इलाकों के युवकों का ही इस्तेमाल हो रहा है।
पुलिस हतबल
मुंबई पुलिस के सामने समस्या यह हो चली है कि इस नशे की जानकारी आसानी से सामने नहीं आ रही है। छोटी-छोटी मात्रा में म्यांऊ-म्यांऊ की जब्ती करना भी परेशानी बनता है। बड़ी मात्रा के लिए भी जितनी मशक्कत करनी होती है, उतनी ही छोटी मात्रा के लिए भी करनी होती है। इसके चलते पुलिसकर्मी भी छोटी मात्रा में उपलब्ध म्यांऊ-म्यांऊ जब्त करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं।
दक्षिण मुंबई में खुलेआम यह नशा सड़कों पर दिनदहाड़ बिक रहा है, जिस पर हर आते-जाते व्यक्ति की नजर पड़ ही जाती है। इसका एक सबूत, इस समाचार पत्र के पास एक ऐसे वीडियो के रूप में है, जिसमें मोहम्मद अली रोड पर खांबेकर गली में मिनारा मसजिद के करीब दिन में ही इस नशे की खरीद-फरोख्त होती दिख रही है।
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