देश के प्रखर अपराध व खोजी पत्रकार शशांक त्रिवेदी नहीं रहे
देश के विख्यात खोजी व अपराध पत्रकार शशांक त्रिवेदी ने आज अहमदाबाद स्थित अपने निवास पर अंतिम श्वांस ली। वे लंबे समय से एक ऐसी बीमारी से युद्धरत थे, जिसका कोई इलाज ही न था।
अहमदाबाद के अंडरवर्ल्ड पर सबसे प्रामाणिक रिपोर्टिंग करने वाले शशांक त्रिवेदी की बेलौस व बेखौफ पत्रकारिता और जीवन जीने के अंदाज का रत्ती भर भी आज के पत्रकारों में नहीं मिलेगा।
वे अहमदाबाद के सबसे बड़े डॉन अब्दुल लतीफ को दुबई में खोज कर उसका इंटरव्यू करने जा पहुंचे। न केवल साक्षात्कार किया बल्कि उसकी कई शानदार तस्वीरें अपने कैमरे में कैद कर लाए।
विश्व के सबसे बड़े नशा तस्करों में शूमार विक्की गोस्वामी का पूरा काला चिट्ठा उन्हें मुंहजुबानी था। अहमदाबाद की हर गली, कूचे, दयार पर शशांक त्रिवेदी के पदचिन्ह मिलते हैं।
उनके पास मुखबिरों का ऐसा जखीरा रहा, जो बिरले ही पत्रकारों को हासिल होता है।
बगावत उनके डीएनए में थी। समाज से लेकर पिता तक से सदा वैचारिक मतभेद रहे। वे अपने सिद्धांतों पर अड़े रहे, उनके लिए सदा लड़े रहे।
विश्व के सबसे ताकतवर धर्मगुरूओं में से एक आसाराम बापू के खिलाफ पहली बार कलम चलाने का साहस भी करने वाले कोई हिम्मती पत्रकार ने देश में जन्म लिया था तो वह अहमदाबाद की पावन भूमि पर, नाम था – शशांक त्रिवेदी। यह हरकत इस जीवट वाले पत्रकार ने तब की थी, जब उनकी तरफ नजर तिरछी करके भी कोई नहीं देख सकता था।
गुजरात का ऐसा कोई अपराध उनकी नजर और कलम से अछूता न रहा, जो उनके जीते-जी सामने आया। दंगों पर उन्होंने पूरी तरह निष्पक्ष और बेखौफ रिपोर्टिंग की। कई बड़े कांड उन्होंने खोज निकाले, कई घोटालों का भंडाफोड़ किया।
उनके जाने पर देश में निर्भीक अपराध पत्रकारिता के एक युग का अंत हो गया।
इंडिया क्राईम परिवार के लिए यह अपूरणीय क्षति है।
श्री शशांक त्रिवेदी की स्मृतियों का गुलदस्ता:
mujhe to lagta tha ki crime reporter mumbai me hi hote hain… ahmedabad me itne bade crime reporter hue hain, pataa hi nahin tha… shashank sir ko naman… unaki likhi stories bhi chapiye sir… humen padhnaa hai… hemarai vinamra shraddhanjali