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तीन गिरोहों की गिद्ध नजर मुंबई रेसकोर्स पर: हफ्ते पर होगा खून-खराबा!

विवेक अग्रवाल।

मुंबई, 13 सितंबर 2018।

  • गवली गिरोह के गुंडों की धमक
  • अमर नाईक गिरोह का गुंडा कूदा मैदान में
  • छोटा राजन गिरोह भी लाईन में
  • मुंबई रेसकोर्स बुकियों की सुरक्षा खतरे में
  • क्या लगेगी गिरोहों पर लगाम रेसकोर्स में
  • बुकियों में पसरा है खासा आतंक

पिछले दो माह से रेसकोर्स में घोड़ों की दौड़ के बदले गिरोहों की घुड़दौड़ चल रही है। पता चला है कि गिरोह सरगना अरुण गवली उर्फ डैडी के गुंडों के अलावा डॉन अमर नाईक और माफिया बॉस छोटा राजन के गिरोहों से जुड़े गुंडों की नजर भी मुंबई रेसकोर्स में हफ्तावसूली पर गड़ी हुई है।

 

सूत्रों के मुताबिक मुंबई रेसकोर्स में अरुण गवली, अमर नाईक और छोटा राजन के गिरोहों ने धमकियों का बाजार गरम कर रखा है। तीनों गिरोहों के गुंडे यहां सक्रिय हैं लेकिन उनके बारे में बात करने की हिम्मत किसी में नहीं है। दो महीने बाद यह खबर सामने आई है कि मुंबई के स्थानीय गिरोहों में एक बार फिर से इलाके और मोटी मलाई पर मुंह मारने की होड़ दिखने लगी है।

 

मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने भले ही बुकियों को सुरक्षा देने के लिए कुछ व्यवस्थाएं कीं, सच तो यह है कि गिरोहों पर कोई असर नहीं हुआ है। बुकियों में अभी भी खासा खौफ बना हुआ है।

 

एजी कंपनी की धमकियां

अरुण गवली गिरोह के रेसकोर्स में हंगामा और हफ्तावसूली के लिए जो दंबगई चल रही है, उसके बारे में तो इंडिया क्राईम पर लगातार खबरें जारी हैं।

 

पता चला है कि एक राजनीतिक दल के साथ मिल चुके कुछ एजी कंपनी याने अरुण गवली गिरोह के कुछ गुंडे रेसकोर्स के अधिकृत बुकियों पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं।

 

घोड़ों की दौड़ पर लगने वाले जुए से होने वाली मोटी कमाई का एक हिस्सा हड़पने के लिए गिरोहों के बीच जो घुड़दौड़ जारी है, उसमें अभी तक एजी कंपनी का नाम ही सबसे आगे दिख रहा है।

नाईक कंपनी का आतंक

पता चला है कि जो गुंडे बुकियों को जीएसटी नंबरों के लिए धमका रहे हैं, उनका सरगना कोई और नहीं अमर नाईक के साथ रहा खूंरेंजी का पुराना शातिर खिलाड़ी है। उसके बारे में पुलिस को सूचना तो मिली है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं उसके खिलाफ नहीं हुई है।

 

नाईक कंपनी का यह पुराना गुंडा दर्जनों मामलों में आरोपित हो चुका है। उसके अचानक इस तरह रेसकोर्स में दिलचस्पी लेने पर गिरोहों के काले संसार में भी अचरज जताया जा रहा है।

 

नाना कंपनी की धमक

यह भी जानकारी मिली है कि जब गवली गिरोह और नाईक गिरोह के गुंडों के मुंबई रेसकोर्स पर धमकने की जानकारी छोटा राजन के गिरोह नाना कंपनी के मुंबई स्थित गुंडों को मिली तो वे भी पखवाड़े पहले रिंग तक जा पहुंचे थे। उन्होंने अपने तरीके से वहां आतंक का नया नजारा बना दिया था।

 

एक सूत्र का कहना है कि किसी के कहने पर नाना कंपनी के गुंडे वहां पहुंचे होंगे। उनके चेंबूर के तिलक नगर इलाके को छोड़ कर यहां तक पहुंचने के पीछे कोई खास कारण होना ही चाहिए।

 

यह सभी जानते हैं कि मुंबई के गिरोहों के अपने-अपने इलाके बंटे हुए हैं। घाटकोपर-चेंबूर इलाके से परे नाना कंपनी के गुंडे कुछ ही दूर तक जाते हैं लेकिन मध्य मुंबई के इस इलाके तक कभी नहीं आते हैं। इसका कारण यह है कि इस तरफ आज भी गवली गिरोह और नाईक गिरोह का ही राज चलता है। यह सूत्र बताने में असफल रहा कि किसके इशारे पर नाना कंपनी ने यहां आकर दूसरे गिरोहों के बीच अपनी उपस्थिति स्थापित करनी चाही थी।

(सभी चित्र साभार – पुणे रोसकोर्स, आरडब्ल्यूआईटीसी पोर्टल)

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