सट्टा बाजार ने जताया छग मुख्यमंत्री रमन सिंह पर भरोसा, बनेगी भाजपा की सरकार
- राजस्थान में सटोरियों ने किया भाजपा का सूपड़ा साफ
- मध्यप्रदेश में बुकियों के मुताबिक कड़ा मुकाबला
- भाजपा के लिए कम से कम दो राज्यों में कांग्रेस बनी चुनौती
- राजस्थान में भाजपा विरोध की जनलहर पर सवार है सट्टाबाजार
- बुकियों ने इंकार किया भाव बदलने से भाजपा नेताओं को
- 35 हजार करोड़ का सट्टा अब तक लगा चुनाव पर
विवेक अग्रवाल
मुंबई, 1 दिसंबर 2018।
भारतीय लोकतंत्र के लिए अहम 2019 के आम चुनावों के पहले हो रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को एक तरफ जहां राजनीतिक तौर पर सट्टाबाजार भी युद्ध का आगाज मान रहा है, वहीं इस सुनहरे मौके का फायदा उठाते हुए अब तक 35 हजार करोड़ रुपए अंटी भी कर चुका है।
देश के पांच राज्यों में से सटोरियों और बुकियों के लिए राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ ही महत्वपूर्ण हैं। तेलंगाना में मचे चुनावी घमासान उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। तेलंगाना और मिजोरम पर सट्टा खोलने में बुकियों की रुची नहीं है।
सट्टाबाजार ने तीन राज्यों पर भाव खोले थे, जिसका इंडिया क्राईम ने पहले भी खुलासा किया था। एक माह पहले जब भाव खुले थे, तब बुकियों के मुताबिक राजस्थान में भाजपा का पत्ता पूरी तरफ साफ होना, मध्यप्रदेश में तगड़ा मुकाबला और छत्तीसगढ़ में एक बार फिर भाजपा सरकार बनने के संकेत मिले थे।
कब – कहां चुनाव
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखें 12 नवंबर से 7 दिसंबर 2018 के बीच घोषित की थीं, जिनमें से कुछ जगह पर उम्मीदवारों के भाग्य मशीनों में बंद हो चुके हैं, कुछ जगहों पर अभी मतदान बाकी है। सभी राज्यों की मतगणना 11 दिसंबर को होना है।
छत्तीसगढ़ में फिर रमन सिंह
सट्टाबाजार सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में मतदान होने के बाद भी रुख भाजपा और मुख्यमंत्री रमन सिंह के पक्ष में ही जाता दिख रहा है। सटोरियों ने बताया कि इस छोटे से राज्य में रमन सिंह के सामने कोई चुनौती नहीं है। वे न केवल अपनी सरकार बचा ले जाएंगे बल्कि साफ छवि के चलते खुद भी फिर एक बार राज्य के मुखिया पद पर आसीन होंगे। भाजपा को साफ बहुमत मिलेगा।
सट्टाबाजार के मुताबिक भाजपा के भावों में जो फर्क दिखता है, वह अजब है। भाजपा को 45 सीटें मिलने का भाव 1 रुपए से बढ़ कर 1.35 रुपए हो गया है तो 50 सीटों के लिए 2.50 रुपए से बढ़ कर 3 रुपए हो गया है। इसके मुकाबले इंका के लिए 45 और 50 सीटों पर वही पुराना भाव 2 रुपए और 5 रुपए ही है। इसका सीधा सा मतलब यह है कि भाव में भाजपा के लिए भले ही बढ़ोत्ती दिख रही है, सबसे अधिक सीटनें तो भाजपा के खाते में ही जा रही है।
इस बार एक फैंसी सट्टा भी बाजार में खुला है। यह है किसकी बनेगी सरकार। भाजपा की सरकार बनने पर 70 पैसे और इंका की सरकार बनने पर 1.25 रुपए के भाव चल रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि सटोरियों को भाजपा की सरकार बनने की ही उम्मीद है।
छत्तीसगढ़ में सट्टे के भाव (1 दिसंबर 2018 को)
भाजपा | इंका | ||
सीट | भाव | सीट | भाव |
35 | 27 पैसे | 35 | 50 पैसे |
40 | 40 पैसे | 40 | 1 रुपया |
45 | 1.35 रुपया | 45 | 2 रुपए |
50 | 3 रुपए | 50 | 5 रुपए |
कौन बनेगा मुख्यमंत्री: रमन सिंह तीन बार विधानसभा चुनाव जीत कर मुख्यमंत्री बन चुके हैं। सटोरियों के मुताबिक रमन सिंह ही एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। उनके मुख्यमंत्री बनने पर 60 पैसे का भाव खुला था, जो सुधर कर 55 पैसे पर आ गया है। किसी और नेता के मुख्यमंत्री बनने पर 5 रुपए का भाव खुला था, जो बढ़ कर 6 रुपे हो गया है।
मध्यप्रदेश में भाजपा-इंका में तगड़ी जंग
मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर कब्जा जमाने के लिए दो दलों के बीच जबरदस्त घमासान मचा है। भाजपा फिलहाल 165 सीटों और कांग्रेस 57 सीटों पर काबिज है। सट्टाबाजार के मुताबिक इसमें उतार-चढ़ाव के हालात बने हे हैं।
सट्टाबाजार के मुताबिक भाजपा को पहले जहां अधिकतम 120 सीटें मिलने की बात की जा रही थी और भाव 3.50 पैसे का खुला था, वहीं इंका को भी इतनी ही सीटों पर जीत का भाव 2.25 रुपए का खुला था। इसमें अब परिवर्तन आ चुका है। भाव अब दोनों दलों के लिए अधिकतम 110 सीटों तक आ पहुंचा है, जो इंका के लिए 1.75 रुपए के साथ बेहतर हालात दिखा रहा है। इसके मुकाबले भाजपा के लिए 110 सीटों का भाव 2 रुपए चल रहा है। इस तरह देखा जाए तो भाजपा को अब नुकसान होता और इंका को सट्टाबाजार भाजपा से बढ़त लेता दिखा रहा है।
मध्यप्रदेश में इंका की सरकार बनने पर 87 पैसे का तो भाजपा की सरकार बनने पर आज 1.05 रुपए का भाव चल रहा है। एक बुकि ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दोनों दलों के बीच 10 सीटों के लिए कांटे की टक्कर बनी हुई है।
मध्यप्रदेश में सट्टे के भाव (1 दिसंबर 2018 को)
कांग्रेस | भाजपा | ||
सीट | भाव | सीट | भाव |
95 | 28 पैसे | 95 | 38 पैसे |
100 | 70 पैसे | 100 | 1 रुपए |
105 | 1.15 रुपया | 105 | 1.45 रुपया |
110 | 1.75 रुपए | 110 | 2 रुपए |
कौन बनेगा मुख्यमंत्री: पिछले तीन चुनावों में शिवराज सिंह चौहान जीते, भाजपा की सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने। सट्टाबाजार का कहना है कि इस बार उनके मुख्यमंत्री बनने के आसार कम हैं और अब उनका भाव पुराने एक रुपए के सामने बढ़ कर तीन रुपए हो गया है। संकेत यह मिल रहा है कि कॉंग्रेस नेता कमलनाथ का पहले भाव खुला था 1.60 रुपए लेकिन अब सुधर कर 1.10 रुपए हो गया है। युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर 2 रुपए का भाव खुला था, जो अब 3 रुपए हो गया है।
राजस्थान में भाजपा साफ
सटोरियों के मुताबिक राजस्थान में सरकार बदलने की परंपरा है। इस बार भाजपा सरकार का जाना तय है। मतदाताओं का मिजाज भांपने के बाद सट्टाबाजार ने जो भाव खोले, उनसे जाहिर है कि भाजपा हारी हुई लड़ाई लड़ रही है।
सट्टाबाजार पहले भाजपा की अधिकतम 75 (भाव 1.35 रुपए) और इंका की अधिकतम 125 सीटों (भाव 1.80 रुपए) पर जीत देख रहा था। अब बदल कर भाजपा की 60 सीटों पर 2 रुपए होने से हालत और खराब तथा इंका की 130 सीटों तक 1.70 रुपए उतर कर बेहतर स्थिति में आ पहुंची है। नवंबर में भाजपा को 60 से 75 सीटें सट्टाबाजार दे रहा था, वही अब घट कर 45 से 60 सीटों तक उतर आया है। इसके ठीक उलट इंका को पहले 110 से 125 सीटों पर जीत दिलाने का दावा नवंबर में सट्टाबाजार कर रहा था, जो अब बढ़ कर 115 से 130 सीटों तक जा पहुंचा है।
इंका की सरकार बनने के फैंसी सट्टे के भाव 25 पैसे हैं तो भाजपा का भाव 4 रुपए है, जिससे साफ यह पता चलता है कि इस बार सरकार किसकी बन रही है।
राजस्थान में सट्टे के भाव (1 दिसंबर 2018 को)
कांग्रेस | भाजपा | ||
सीट | भाव | सीट | भाव |
115 | 22 पैसे | 45 | 23 पैसे |
120 | 67 पैसे | 50 | 57 पैसे |
125 | 1.10 रुपया | 55 | 1.10 रुपए |
130 | 1.70 रुपए | 60 | 1.70 रुपए |
कौन बनेगा मुख्यमंत्री: राजस्थान मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सट्टाबाजार के हिसाब से सबसे आगे 80 पैसों के साथ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत नवंबर में बने हुए थे, जो अब भाव बढ़ कर भले ही 1.15 रुपए हो गया है, फिर भी वे ही सटोरियों की पहली पसंद हैं। दूसरे नंबर पर 1.35 रुपए के साथ युवा कांग्रेसी नेता सचिन पायलट थे, जिनका भाव अब 2 रुपए हो गया है। नवंबर में 11 रुपए का भाव वर्तमान भाजपा नेता मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का था, जो अब बढ़ल कर 30 रुपए हो गया है।
35 हजार करोड़ का लगा सट्टा
सूत्रों के मुताबिक अंतिम परिणाम आने तक कुल कर 28 हजार करोड़ का कारोबार होने का अनुमान नवंबर माह में जाहिर किया था। अभी चुनाव के परिणाम 10 दिन दूर हैं लेकिन यह आंकड़ा पार हो गया है। 1 दिसंबर तक कुल 35 हजार करोड़ रुपए का सट्टा लग चुका था। संभावना है कि पंटरों के लगातार उत्साह के कारण यह रकम बढ़ कर 40 से 50 हजार करोड़ रुपए के बीच जा सकती है।
सट्टे से परेशान भाजपा
एक बुकि ने दावा किया की राजस्थान और मध्यप्रदेश में सट्टे के नकारात्मक भाव खुलने से भाजपा के नेताओं में खासी बेचैनी भर गई थी। उसका कहना है कि कुछ बड़े बुकियों से एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने संपर्क करके ये आदेश दिया कि मप्र और राजस्थान के भाव सकारात्मक करें।
पता चला है कि बुकियों ने इस भाजपा नेता से साफ इंकार कर दिया कि वे ऐसा नहीं कर सकेंगें। उनका कहना था कि ऐसा करके वे अपने पंटरों या खेलियों के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे।
बुकियों में भरा भय
बुकियों को अब ये डर सता रहा है कि पांच राज्यों के चुनावों के बाद बुकियों के खिलाफ बड़ा कानूनी अभियान चलेगा, ताकी वे 2019 के आम चुनावों में भाजपा के खिलाफ भाव खोलने की जुर्रत न करें।
पता चला है कि बुकियों ने इस मामले में अभी से गुटबंदी और व्यवस्थाएं शुरू कर दी हैं। वे आम चुनावों के पहले न केवल विदेशों में अपने मुख्यालय ले जाने के बारे में विचार कर रहे हैं बल्कि इंटरनेट के जरिए पूरा कारोबार करने के व्यवस्था में लगे हैं।