खेल खल्लास: नितेश कसारे उर्फ चिकना : रूपसी के रूप में मौत का परकाला
नितेश कसारे के काम का तरीका अन्य अपराधियों से अलग था। उसकी तरह काम करना सबके बूते का न था, न कोई ऐसा करना पसंद करता। यह उन्हें बेइज्जती लगता था। ऐसा क्या करता था नितेश?
अपराध स्थल की जानकारी जमा करने के लिए नितेश लड़की के रुप में जाता। लोगों को पता न चलता कि जिस खूबसूरत लड़की को भटकते देख रहे हैं, उसकी गोरी चमड़ी के पीछे इरादे कितने काले हैं।
दिखने में खासा खूबसूरत और गोरा होने के कारण गिरोह के सदस्य नितेश को ‘चिकना’ भी कहते थे। उसकी चिकनी खाल के पीछे कितना बड़ा दरिंदा छुपा था, उसकी तफसील भी खतरनाक है।
नितेश को हरीश-जतन डकैत गिरोह दो लाख रुपए महीना वेतन महीने में चार हिस्सों में करके देता था। जब कुछ समय तक पैसा न मिला तो नितेश ने गिरोह छोड़ कर फ्रीलांस काम शुरु कर दिया।
एक पुलिस दस्ता दो महीने नितेश के पीछे पड़ा रहा। पुलिस वालों को नितेश महिला रूप में चकमा देता रहा। पूरी कहानी के लिए पढ़ें – खेल खल्लास।