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Drugs: मौत की म्यांऊ-म्यांऊ – 3 : म्यांऊ-म्यांऊ का सफर मुंबई से दुबई तक

विवेक अग्रवाल
मुंबई, 3 मई 2015
मुंबई की म्यांऊ-म्यांऊ अब दुबई भी पहुंच रही है। इसके लिए दक्षिण मुंबई के दो शातिर नशा तस्करों ने अपना ही अलग संजाल खड़ा कर लिया है। इलाके के युवकों को हर माह दो से तीन फेरे दुबई के दिलाए जा रहे हैं। इस तरह से युवकों के जरिए न केवल बड़ी मात्रा में वायु मार्ग से म्यांऊ-म्यांऊ भेजा जा रहा है बल्कि वापसी में उनसे ही सोने की तस्करी भी करवाई जा रही है।

दक्षिण मुंबई में बरामद म्यांऊ-म्यांऊ की छोटी खेप

स्थानीय युवक हैं कैरियर
सूत्रों के मुताबिक दक्षिण मुंबई में दाऊद गिरोह के दो सदस्य शाहिद नलबाजार और सलीम ने मिल कर मुबंई से दुबई का रास्ता खोला है। ये तस्कर चोरबाजार, नागपाड़ा, इमामबाड़ा, दो टांकी, नलबाजार, भेंडीबाजार, डोंगरी, कोल डोंगरी जैसे इलाकों के बेरोजगार अथवा बिना मेहनत के मोटी कमाई का सपना देखने वाले युवकों को कैरियर बना रहे हैं।

10 हजार में 15 लाख का माल पार
पता चला है कि इन कैरियर को एक बार म्यांऊ-म्यांऊ दुबई पहुंचाने के लिए 10 हजार रुपए की रकम मिलती है। इसके अलावा उनका आने-जाने का हवाई यात्रा का टिकट और होटल व खाने-पीने की व्यवस्था तस्कर की जिम्मेदारी होता है। कभी-कभी अच्छा काम करने पर खुश होकर दुबई में ही इन कैरियर को 100 या 150 दिरहम तस्कर देते हैं, ताकी ये कैरियर वहां कुछ मौज-मजा कर सकें।

दक्षिण मुंबई में बरामद म्यांऊ-म्यांऊ की छोटी खेप

म्यांऊ-म्यांऊ के बदले सोना
यह भी जानकारी सामने आई है कि म्यांऊ-म्यांऊ की तस्करी के साथ ही, ये तस्कर दुगुनी कमाई कर रहे हैं। अमूमन एक कैरियर से एक ही काम करवाया जाता है लेकिन अब मुनाफा बढ़ाने के लिए एक ही कैरियर से जाते समय नशा और आते समय विभिन्न किस्म का सामान अवैध रूप से भेजते या मंगाते हैं।

कमाई बढ़ाने के लिए नशा तस्कऱ इन्हीं कैरियरों का इस्तेमाल कर एक से दो किलो सोना, दो कौव्वे (मोबाईल फोन) और फूड सप्लीमेंट प्रोटीन लाते हैं। दुबई के बहतरीन किस्म के फूड सप्लिमेंट की भारतीय बाजारों में अच्छी कीमत मिलती है। सूत्रों के मुताबिक इस तरह के माल से नशा तस्कर अपने लिए अधिक मुनाफा कमाते हैं।

म्यांऊ-म्यांऊ बनाम गुटखा
इसके अलावा इन कैरियर के जरिए एक और ऐसा सामान दुबई से मुंबई लाया जा रहा है, जिसकी बाजार में बड़ी मांग है। महाराष्ट्र में चूंकि गुटखा बेचने और रखने पर प्रतिबंध लग चुका है, इसके चलते ये तस्कर दुबई से माणिकचंद और पान पराग ब्रांड के गुटखा भी तस्करी के जरिए लाते हैं।

पता चला है कि आज इन ब्रांड के तंबाकू वाले गुटके की असली कीमत से पांच से 10 गुना कीमत कालाबाजार में मिल रही है। सबसे छोटी पुड़िया भी 45 से 70 रुपए तक की मोटी कीमत पर मुंबई के कालाबाजार में बिक रही हैं।

कस्टम्स अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले में अधिक कुछ कर नहीं पा रहे हैं क्योंकि इसके तस्करों और कैरियरों के बारे में अभी तक कुछ ऐसी जानकारी सामने नहीं आ रही है, जिससे कि उन पर हाथ डाला जा सके।

कस्टम्स अधिकारी इस दिशा में काम कर रहे हैं। उन्हें यह तो पता चला है कि इस नशे की तस्करी बड़े पैमाने पर जारी है लेकिन उसके सूत्रधारों की जानकारी अभी मिलनी बाकी है।

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