6 साल से नौकरी कर रहा था मुर्दा
अपहरण का आरोपी मर चुका था, पुलिस ने जिन्दा गिरफ्तार किया
संवाददाता
इंदौर 25 सितंबर 2015।
इंदौर पुलिस ने छह साल से पुलिस रिकॉर्ड में मृत अपहरण के आरोपी को जिंदा गिरफ्तार किया है. यह आरोपी पहचान छुपाकर दमन-दीव में नौकरी कर रहा था.
क्राइम ब्रांच के एएसपी विनय प्रकाश पॉल ने बताया कि पैरोल से फरार अपहरण के आरोपी दशरथ सिंह पिता अजबसिंह, जिला शाजापुर को दमन से गिरफ्तार किया गया.
वर्ष 2002 में एक फैक्ट्री संचालक के पुत्र के अपहरण के प्रकरण में आरोपी दशरथसिंह को आजीवन कारावास से वर्ष 2004 में दण्डित किया गया था.
इंदौर की सेंट्रल जेल में चार साल रहने के बाद दशरथ सिंह दिसंबर 2008 में पहली बार पैरोल पर जेल से बाहर निकला था. उसे निर्धारित अवधि में वापस जेल लौटना था, लेकिन कुछ ही दिनों में परिजनों ने जेल और अदालत को उसकी मौत होने की जानकारी दी. साथ ही एक मृत्यु प्रमाण पत्र भी पेश किया गया.
मृत्यु प्रमाण पत्र निकला फर्जी:
हाल ही में खुलासा हुआ था कि दशरथ सिंह का मृत्यु प्रमाण पत्र फर्जी है और उसकी मौत नहीं हुई है.
क्राइम ब्रांच ने जांच को आगे बढ़ाया तो खुलासा हुआ कि दशरथ सिंह केंद्र शासित प्रदेश दमन में निजी कंपनी में नौकरी कर रहा है. जेल जाने से बचने के लिए उसने यह साजिश रची थी.
जेल में बंद आरोपी ने की मदद:
दशरथ सिंह ने पकड़े जाने पर बताया कि जेल में रहने के दौरान उसकी एक अन्य आरोपी कमल सिंह से दोस्ती हो गई थी.
कमल ने जेल से बाहर जाने पर उसकी जमानत का इंतजाम करने के लिए कहा था. दशरथ के मुताबिक उसने अपनी पैतृक जमीन बेचकर कमल की जमानत कराह थी. इसके एवज में कमल ने मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर दिया था.
Courtesy: Attack News, Ujjain