कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम – लक्षण प्रबंधन में होम्योपैथी यूनानी औषधियां उपयोगी
नीचे दी जानकारी सिर्फ आपकी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से जारी की गई है, यह कोरोना या कोविड-19 विषाणु का इलाज नहीं है – संपादक
एक रहस्यमय नया कोराना वायरस तेजी से फैल रहा है। पूरा विश्व इसके कोरोना वायरस के भयभीत है।
भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत अनुसंधान परिषदों ने भारतीय पारंपरिक औषधि प्रणालियां – आयुर्वेद, होम्योपैथी एवं यूनानी पर आधारित चेतावनी जारी की है।
आयुर्वेदिक परंपराओं के अनुसार, रोकथाम प्रबंधन के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं:
- व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
- साबुन और पानी से हाथ कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं।
- कम से कम हाथ 20 सेकंड तक बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
- शदांग पनिया (मुस्ता, परपाट, उशीर, चंदन, उडिच्य़ा, नागर) प्रसंस्कृत पानी (1 लीटर पानी में 10 ग्राम पाउडर डाल कर उबालें, जब तक आधा न हो जाए) पीएं। इसे एक बोतल में भर कर रखें। प्यास लगने पर पीते रहें।
- बिना धोए हाथों से आँखें, नाक और मुँह छूने से बचें।
- बीमार लोगों से निकट संपर्क से बचें।
- बीमार होने पर घर पर रहें।
- खांसी या छींक के दौरान चेहरा ढंकें। खांसने-छींकने के बाद हाथ धो लें।
- अक्सर छुई गए वस्तुओं और सतहों को साफ करें।
- संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर यात्रा या काम करते समय एन95 मास्क का उपयोग करें।
- कोरोना संक्रमण का संदेह है, तो मास्क पहनें। तुरंत नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।
- आयुर्वेदिक प्रथाओं के अनुसार रोगनिरोधी उपाय / इम्यूनोमॉड्यूलेटरी ड्रग्स।
- स्वस्थ आहार और जीवन शैली से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करने के उपाय करें।
- अगस्त्य हरितकी 5 ग्राम मात्रा दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लें।
- शेषमणि वटी 500 मिलीग्राम दिन में दो बार लें।
- त्रिकटु (पिप्पली, मारीच और शुंठी) पाउडर 5 ग्राम और तुलसी 3-5 पत्तियां (1-लीटर पानी में उबालें, जब तक आधा लीटर न हो जाए। इसे बोतल में रखें। प्यास लगे या जब चाहे एक-दो घूंट पीते रहें।
- प्रतिमार्स नास्य: प्रत्येक नथुने में प्रतिदिन सुबह अनु तेल / तिल तेल की दो बूंदें डालें।
* यह सलाह केवल सूचना के लिए है। इसे पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सकों की सलाह से अपनाएं।
आयुष मंत्रालय की पहल से, सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी (सीसीआरएच) ने 28 जनवरी, 2020 को वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक में कोरोमा वायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों-उपायों पर चर्चा की।
विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाई जा सकती है। इसे इन्फ्लुएंजा लाईक इलनेस (आईएलआई) रोकथाम के लिए भी सुझाया है।
विशेषज्ञ समूह ने आर्सेनिकम एल्बम 30 का एक डोज लेने की सिफारिश की है। यह प्रतिदिन खाली पेट तीन दिनों तक इस्तेमाल की जाती है। खुराक एक महीने के बाद दोहराई जानी चाहिए ताकि समुदाय में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन कर सकें।
विशेषज्ञ समूह ने सलाह दी है कि रोग रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाए स्वास्थ्यकर उपायों का जनता पालन करे।
कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षण प्रबंधन में उपयोगी यूनानी दवाएं
- शरबतउन्नाब 10-20 मिली दिन में दो बार
- तिर्यकअर्बा 3-5 ग्राम दिन में दो बार
- तिर्यक नजला 5 ग्राम दिन में दो बार
- खमीरा मार्वारिद 3-5 ग्राम दिन में एक बार
- स्कैल्प और छाती पर रोगन बाबूना / रोगन मॉम / कफूरी बाम से मालिश करें
- नथुने में रोगन बनाफशा धीरे लगाएं
- अर्क अजीब 4-8 बूंद ताजे पानी में लें और दिन में चार बार इस्तेमाल करें
- बुखार होने की स्थिति में हब ए एकसीर बुखार 2 की गोलियां गुनगुने पानी के साथ दिन में दो बार लें।
- 10 मिली शरबत नाजला 100 मिली गुनगुने पानी में दो बार रोजाना पिएं।
- क़ुरस ए सुआल 2 गोलियों को प्रतिदिन दो बार चबाना चाहिए
- शरबत खाकसी के साथ-साथ निम्नलिखित एकल यूनानी दवाओं के अर्क का सेवन करना बहुत उपयोगी है:
क्र. | यूनानी दवाई का नाम | सामान्य नाम | वानस्पति नाम |
1 | चिरायता | इंडियन जेंटियन | स्वेर्तिया चिराता कर्स्ट |
2 | कासनी | कॉमन चिकोरी | चिचोरीयमींटीबस लिन |
3 | अफसन्टीस | कॉमन सेजवार्ट | आर्टीमिसिया एबसिंथिसम लिन |
4 | नानखावा | अजोवान | ट्राचिस्परमूमामी स्प्रेग |
5 | गावजावेन | बोरेज | बोरेज आफिसीनालिस लिन |
6 | नाम छाल | मारगोसा | आजारिराक्टइंडिका ए. जुस |
7 | सादकूफी | साइप्री ऑल | साइपरूस्कैरिअस आर. बीआर. |
- निम्नलिखित यूनानी दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है:
क्र | यूनानी दवाई का नाम | सामान्य नाम | वानस्पतिक नाम | मात्रा |
1 | बेहिदाना | क्यून्स | साइडोनिया ओबलोंगा | 3 ग्राम |
2 | उन्नाब | जुजुबी | जीजीफुस जुजुबी लिन | 7 |
3 | सपिस्तान | एसिरियन पल्म | कोरडिया मिक्सा लिन | 7 |
4 | दारचीनी | सीन्नामोम | सिन्नामोमुमजेलेनीकम | 3 ग्राम |
5 | बनाफसा | स्विट वायलेट | वियोला ओडोराटा लिन | 5 ग्राम |
6 | बर्ज–ए– गोजाबान | बोरेज | बोरेजो ऑफीसिनालिस लिन | 7 ग्राम |
- गले में जख्म होने पर निम्नलिखित यूनानी दवाओं का इस्तेमाल करें:
क्र. | यूनानी दवाई का नाम | वानस्पतिक नाम | मात्रा |
1 | खसखस | पापावरसोमनीफेरम | 12 ग्राम |
2 | बाजरूलबंज | हायोसियामूसनिगर | 12 ग्राम |
3 | पोस्ट खसखस | पापावरसोमनीफेरम | 12 ग्राम |
4 | बर्ज–ए–मोर्द (हबुलास) | मृतुस्कोमुनिस | 12 ग्राम |
5 | तुख्म-ए-काहू मुकासर | लेक्टुका सतीवा | 12 ग्राम |
6 | गुलेसुर्ख | रोसा डमासेना | 12 ग्राम |
आहार संबंधी सलाह
यूनानी चिकित्सकों के सुझावों के अनुसार सुपाच्य, हल्का एवं नरम आहार के लिए सलाह दी जाती है।
आर.के.मीणा/आरएनएम/एसकेएस/सीएस-5527
(Release ID: 1601009)
Posted On: 29 JAN 2020 10:29AM by PIB Delhi