Election Betting: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव पर लगेगा डेढ़ लाख करोड़ का सट्टा
विवेक अग्रवाल
मुंबई 9 नवंबर 2023
भारत के पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर एक तरफ जहां पक्ष और प्रतिपक्ष के बीच नाक की लड़ाई चल रही है, वहीं भारतीय सट्टाबाजार जबरदस्त गरमा गया है। सट्टा बाजार कह रहा है कि कम से कम तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का भविष्य साफ नहीं दिख रहा है। दो राज्यों में भारतीय जनता पार्टी बढ़त बना सकती है जिसमें मध्यप्रदेश में कांटे की टक्कर मानी जा रही है।
मुंबई के सट्टाबाजार में फिलहाल पार्टियों की हार-जीत पर ही भाव खुले हुए हैं।
मध्यप्रदेश में कड़ा मुकाबला!
सटोरियों का दावा है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में भाजपा पिछला चुनाव हारी थी लेकिन विभीषण के जरिए मध्यप्रदेश में भाजपा ने सत्ता हथिया ली।
इस बार मध्यप्रदेश में पिछले 20 सालों से राज कर रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ मानस बना हुआ है। माना जा रहा है कि इस बार मध्यप्रदेश में कांग्रेस एक तरफा वोट हासिल कर सकती है। इसके बावजूद मुंबई सट्टाबाजार मध्यप्रदेश में भाजपा-कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर बता रहा है।
सटोरियों का दावा है कि मध्यप्रदेश का चंबल इलाका ज्योतिरादित्य सिंधिया का वोट बैंक रहा है। उनका कांग्रेस से भाजपा में जाना पारंपरिक वोट बैंक को नाराज कर गया था लेकिन सटोरियों का आकलन है कि अब वहां के ठाकुर वोट बैंक में नाराजगी कुछ कम होती दिखाई दे रही है।
मध्यप्रदेश में कुल 230 सीटों पर जबरदस्त मुकाबला होने की संभावना है। बुकि मानते हैं कि कांग्रेस के लिए पहले जहां 112 सीट पर जीत आसान थी और भाजपा 108 पर सिमट सकती थी। अब ताजा भाव कांग्रेस के लिए 109 तथा भाजपा के लिए 112 सीट की जीत पर आ चुके हैं। निर्दलीय या अन्य पार्टियों को तीन से चार सीट मिल सकेंगी। रेसिंग की भाषा में कहें तो जिसकी मुंडी आगे, वो जीतेगा।
सटोरियों के मुताबिक मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह को अगली विधानसभा में मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें किसी छोटे राज्य का राज्यपाल बना कर सक्रिय राजनीति से हाशिए पर पहुंचाया जा सकता है।
राजस्थान
राजस्थान में 200 सीट हैं, जिसमें भाजपा को पिछले विधानसभा चुनाव में मात्र 73 सीटों पर सफलता मिली थी। राजस्थान का रिकॉर्ड है कि एक बार जनता जिसे सत्ता देती है, अगले चुनाव में उसे नहीं जिताती। कांग्रेस को पिछली बार 93 सीट मिलीं, जिसने बहुजन समाजवादी पार्टी के सहयोग से सरकार बनाई।
सटोरियों के मुताबिक इस बार राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हो सकता है। भाजपा सत्ता में आ सकती है। राजस्थान में भी अन्य राज्यों की तरह ही इवन रेट चल रहे हैं।
इस राज्य में पहले भाजपा को 120 तथा कांग्रेस को 67 सीट मिलने के भाव खुले थे जो अब कांग्रेस के लिए 7 सीटों की कमी दिख रहे हैं। यह बढ़त भाजपा के हिस्से में जा रही है।
सटोरियों का कहना है कि सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आपसी रस्साकशी से कांग्रेस की छवि बिगड़ी है। इसके अलावा भी कुछ मसलों के कारण कांग्रेस को राजस्थान में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में भी पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा हार चुकि है। बुकियों का मानना है कि इस बार भी भाजपा के लिए छत्तीसगढ़ की राह आसान नहीं है।
छत्तीसगढ़ में कुल 90 सीट हैं, जिस पर चुनावी घमासान होगा। छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने के लिए 46 सीटों पर जीत जरूरी है।
महीना भर पहले जब सटोरियों ने भाव खोले, तो कांग्रेस के लिए 55 और भाजपा के लिए 31 सीटों पर जीत मानी थी। अब भाव में परिवर्तन होकर कांग्रेस की 51 और भाजपा की 34 सीट पर जीत के बारे में कहा जा रहा है।
बुकि मान कर चल रहे हैं कि भाजपा को इस छोटे से राज्य में खासा नुकसान होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ केंद्र सरकार ने महादेव बुक ऐप घोटाले के जरिए छीछालेदर का पूरा इंतजाम किया है। इसका कुछ हद तक असर होता हुआ दिखाई भी दे रहा है। खुफिया खबरों के मुताबिक केंद्र भूपेश बघेल को चुनाव के पहले गिरफ्तार कर जबरन शहीद बनाने का खतरा भाजपा मोल नहीं लेगी। इसके बदले भूपेश बघेल के आसपास मौजूद लोगों को गिरफ्तार कर, उनके बयान लीक कर, लगातार छवि खराब करती रहेगी। इसके जरिए भाजपा राजनीतिक बढ़त हासिल कर सकती है।
तेलंगाना
छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश हिंदूबहुल राज्य होने से भाजपा को फायदा होने की बात सटोरिए कह रहे हैं। दूसरी तरफ तेलंगाना में कांग्रेस और टीआरएस के बीच सीधी लड़ाई होने जा रही है। तेलंगाना में भले ही भाजपा जीत का दावा करे कम संभावना है कि केंद्र में काबिज पार्टी को जीत हासिल होगी। सटोरियों का दावा है कि तेलंगाना में भाजपा को अधिकतम आठ सीट मिलेंगीं। यही कारण है कि बीजेपी तेलंगाना पर अधिक ध्यान नहीं दे रही है।
तेलंगाना में कुल 119 सीट हैं। केसीआर की पार्टी के पास फिलहाल 98 सीट हैं, जिसके घटने की संभावना है। यहां कांग्रेस से केसीआर की पार्टी का सीधा मुकाबला है लेकिन भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस अपने से कुछ ही ऊपर रहने वाली केसीआर की पार्टी को बाहर से सहयोग देगी।
मिजोरम
इस छोटे से पूर्वी राज्य में भाजपा की बिल्कुल रुचि नहीं है क्योंकि यहां से मिलने वाले राज्यसभा के लिए जरूरी वोट भी न केवल अपर्याप्त हैं बल्कि इस राज्य में जीत मिलना मुश्किल है। सटोरियों के मुताबिक यहां कांग्रेस सरकार बना सकती है।
वोट बैंक
मुंबई सट्टाबाजार का दावा है कि इस बार कांग्रेस के लिए मुस्लिम वोट प्रमुख बन चुके हैं। उनका कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी की बदली छवि के कारण कांग्रेस को कुछ हद तक फायदा मिल सकता है।
सट्टाबाजार कह रहा है कि भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में अभी से लग चुकि है। तीन राज्यों में यदि भाजपा जीत कर आती है तो विपक्ष वोट रिगिंग और ईवीएम रिगिंग का आरापों के साथ जबरदस्त हंगामा खड़ा कर सकता है।
डेढ़ लाख करोड़ का खेल
पांच राज्यों के चुनाव पर लगभग डेढ़ लाख करोड रुपए का सट्टा लगने की संभावना जताई जा रही है।
मुंबई सट्टाबाजार इन दिनों इंदौर से संचालित हो रहा है।
सारा काम अब ऑनलाईन हो चुका है, जिसे सट्टेबाज बटन का काम कहते हैं।
उनका कहना है कि जब चुनाव जारी होंगे, उन्हीं दिनों क्रिकेट वर्ल्ड कप जारी रहेगा, इसके कारण भी विधानसभा चुनाव सट्टे पर कुछ असर पड़ेगा।
सटोरियों के मुताबिक सट्टेबाजों ने अपने ऑनलाइन एप के सर्वर विदेश में स्थापित कर रखे हैं। अपने कर्मचारियों की टीम बैंकॉक मॉरीशस दुबई जैसे देशों में बैठा रखी है, जिससे उन्हें भारत में पुलिस और खुफिया एजेंसियों का खतरा न के बराबर है। वे आराम से राजनीतिक चुनाव की सट्टेबाजी कर पाएंगे।
राजनीतिक चुनाव सट्टेबाजी का वलण (लेन-देन) चुनाव परिणाम घोषणा के अगले दिन होगा।
…समाप्त…