डी-कंपनी की अवैध इमारतें – 5 – लालची बिल्डर ने गायब कर दिया मदरसा भी
- अवैध इमारत बनाने के लिए मदरसा हुआ गायब
- 4 को बना दिया 11 मंजिला इमारत अवैध रुपए से
- तीन भागीदार मिल कर बना रहे हैं अवैध इमारत
- 20 से 25 हजार रुपए प्रति वर्ग फुट का है भाव
विवेक अग्रवाल,
मुंबई, 14 दिसंबर 2015।
77, मेमनवाड़ा रोड, मिनारा मस्जिद के सामने, मुंबई 3 वो इमारत है, जिसे अवैध रूप से फराज मिस्री बना रहा है। वह डी-कंपनी के एक सिपहसालार सलीम तलवार का भतीजा है। फिलहाल जो इमारत तामीर हो रही है, वह पहले 4 मंजिल की थी। अब वह 11 मंजिला इमारत के रूप में बन कर तैयार है।
फराज मिस्त्री का दूसरा भागीदार युनुस घांची है जो कि उम्रदराज व्यक्ति है और डी-कंपनी में उसकी खासी घुसपैठ बताई जाती है। उनका तीसरा भागीदार राजू काणा है।
पता चला है कि मेमन मोहल्ले में इमारतों का अच्छा भाव मिलता है। यही कारण है कि इस इमारत को बनाने में डी-कंपनी के इस गुट ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। यहां फिलहाल 22 से 25 हजार रुपए प्रति वर्ग फुट का भाव मिल रहा है। यह इमारत पूरी तरह बन कर तैयार है।
यहां पहले 42 किराएदार थे। बताते हैं कि कई किराएदारों को छोटी-मोटी रकम देकर या घुड़कियां देकर ही इस गिरोह ने भगा दिया है। पता चला है कि जो थोड़े रसूख वाले या जबर थे, उन्हें बदले में घर तो दिए, लेकिन जिनके पास 180 से 250 फुट के घर थे, उन्हें भी 120 से 140 वर्ग फुट तक के छोटे आकार वाले फ्लैट देकर ही चुप कर दिया।
बताते हैं कि इस इमारत की तल मंजिल में एक मदरसा भी था। अब वह मदरसा गायब हो चुका है। राजू के भी डी कंपनी में संबंध बताए जाते हैं।