नौकरानी के इश्क में उजाड़ा घर, प्रयागराज में चार की हत्या
- आतिश ने कराई मां, बाप, बहन, पत्नी की हत्या
- प्रयागराज के धूमनगंज में कारोबारी तुलसीराम केसरवानी हत्याकांड में खुलासा
- पूरे शहर की जनता रह गई स्तब्ध
- बेटे ने ही करा दी अपने पूरे परिवार की हत्या सुपारी देकर
- दुकान कर्मचारी के साथ मिल कर परिवार के सभी सदस्यों के खात्मे का बनाया प्लान
- पुलिस पूछताछ में खुलती गयी प्लान की परत दर परत
- प्रेमिका सहित चार गिरफ्तार
अंकित तिवारी, प्रयागराज, 14 मई 2020
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में कारोबारी तुलसीराम केसरवानी समेत परिवार के चार लोगों की गला रेतकर की गयी जघन्य हत्या की घटना का खुलासा पुलिस ने 8 घंटे के भीतर कर दिया। कारोबारी तुलसीराम समेत परिवार के चार लोगों की हत्या कराने का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि तुलसीराम का ही इकलौता बेटा आतिश केसरवानी निकला। घर की नौकरानी से उसके प्रेम संबंध थे। नौकरानी से वह शादी करना चाहता था। इसका परिजन विरोध कर रहे थे।
पुलिस के मुताबिक 14 मई 2020 की दोपहर में ढाई से तीन बजे के बीच हत्यारों ने घटना को अंजाम दिया।
उसी दिन रात में साढ़े दस बजे एडीजी जोन प्रेम प्रकाश ने घटना का खुलासा किया। पुलिस ने घटना का खुलासा किया तो लोग स्तब्ध रह गये।
नौकरानी से अवैध संबंध
बेटे आतिश और नौकरानी के बीच संबंधों की जानकारी होने पर पिता तुलसीराम ने नौकरानी को काम से हटा दिया था और बेटे को खर्च के लिए पैसा देना बंद कर दिया था।
इसके बाद से ही आतिश ने दुकान के कर्मचारी अनुज श्रीवास्तव से मिलकर परिवार के सभी सदस्यों के सफाये की योजना तैयार कर डाली।
ऐसे बनाई साजिश
घटना का खुलासा करते हुए एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि आतिश ने दूकान के कर्मचारी अनुज से परिवार के चार सदस्यों की हत्या के लिए आठ लाख रुपये में सौदा तय किया था।
उसने बतौर एडवांस 75 हजार रुपये भी सुपारी हत्यारे को दिये थे।
कैसे शुरू हुआ अमल
तय प्लान के मुताबिक आतिश ने 14 मई 2020 को कर्मचारी अनुज को सुबह ही दुकान पर बुला लिया था।
दुकान घर में ही थी। लाकडाउन के चलते सामने का शटर बंद कर अंदर से ग्राहकों को सामान देने लगा था।
दोपहर में एक बजे आतिश स्कूटी से घर से निकल गया।
घर से निकलने से पहले उसने एक हत्यारे को घर के भीतर गोदाम में छिपा दिया था।
आतिश के घर से बाहर चले जाने के कुछ देर बाद ही अनुज श्रीवास्तव का मामला राजकृष्ण श्रीवास्तव पहुंचा और सामान खरीदने के बहाने दुकान के अंदर पहुंच गया।
ऐसे हुई घटना
दुकान पर बैठे तुलसीराम केसरवानी को अनुज, राजकृष्ण और गोदाम में छिपे हत्यारे ने पहुंच कर एक साथ पकड़ लिया। धारदार चाकू से उनका गला रेत दिया।
तुलसीराम के चीखने की आवाज सुन कर उनकी पत्नी किरण पहुंचीं।
हत्यारों ने उनकी भी गला रेत कर हत्या कर दी।
इसी बीच तुसलीराम की बहू प्रियंका (आतिश की पत्न) भी वहां पहुंची। हत्यारों ने उसका भी गला रेत दिया।
मन न भरा हत्यारों का
तीनों की हत्या के बाद हत्यारे घर की दूसरे मंजिल पर पहुंचे।
वहां कमरे में सो रही आतिश की बहन की भी गला रेत कर हत्या कर दी।
परिवार के सभी चारों सदस्यों की हत्या के बाद तीन बजे मोबाइल पर आतिश को हत्यारों ने काम फतह होने की जानकारी दी।
घटना के बाद अनुज को छोड़ कर बाकी सभी हत्यारे चले गये।
आतिश का नाटक
दोहपर तीन बजे के बाद आतिश घर पहुंचा तो दुकान के कर्मचारी अनुज ने उसे दुकान का शटर न खुलने की बात बतायी और कहा कि दुकान न खुलने से ग्राहक वापस चले जा रहे हैं।
इसके बाद आतिश बगल के दरवाजे से घर के भीतर पहुंचा और घर में ही चीखने-चिल्लाने लगा।
आतिश के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग पहुंचे तो तुलसीराम समेत परिवार के सभी चार सदस्यों की हत्या होने की जानकारी सार्वजनिक हुई।
इसके बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी गयी। जानकारी मिलते ही पुलिस के अधिकारी मौके पर जा पहुंचे और छानबीन शुरू कर दी।
ऐसे खुला घटना का रहस्य
पुलिस ने घटना की छानबीन शुरू की तो घर के भीतर ही हत्या में प्रयोग की गयी चाकू बरामद हो गयी। चाकू पर खून के धब्बे मिलने से शक गहरा गया।
किचेन के सिंक और बाथरुम की नाली में भी खून के धब्बे मिले तो पुलिस ने आतिश के मोबाइल की काल डिटेल खंगालनी शुरू की।
मोबाइल की काल डिटेल खंगालते ही आतिश टूट गया और घटना की पूरी कहानी बयान कर दी।
कौन थे तुसलीराम
बता दें तुलसीराम मूलत: कौशांबी के रहने वाले थे। धूमनगंज थाना क्षेत्र के प्रीतमनगर में आकर रहने लगे। यहां इलेक्ट्रानिक्स की बड़ी दुकान खोली।
मोहल्ले में तुलसीराम की काफी प्रतिष्ठा थी। घर में बेटे आतिश के अलावा पत्नी, बेटी और बहू रहते थे।