कोरोना का मजाक बनाना बंद करो, वरना मजाक बन कर रह जाओगे…
कोरोना वायरस पर मजाक और मनोरंजन ना करें जिंदगी जीना है तो सीरियस हो जाओ
देश-दुनिया में घटित हर मुसीबत भारत के लोगों के लिये मजाक, हंसी ठिठोली का साधन बन जाती है।
वर्तमान समय मे पूरी दुनियां में कोरोना (कोविड 19) को लेकर कोहराम मचा है परंतु जितना मजाक भारत में बन रहा है, उसका आधा मजाक भी पूरी दुनिया के लोग मिलकर नहीं बना पा रहे हैं।
इसका कारण यह है कि चीन, जापान, फ्रांस, इटली, ईरान समेत तमाम देशों ने अपनी आंखों के सामने अपनों की लाशें देखी हैं। उनको इसके खतरे का अंदाजा ही नहीं है बल्कि उसे भुगता भी है।
भारत में अभी सिर्फ 5 से 7 लाशें ही सामने आई हैं क्योंकि अभी हम वायरस फैलने के सैकंड स्टेज पर चल रहे हैं।
कल्पना करना मुश्किल होगा जिस दिन ये तीसरी स्टेज पर पहुंचेगी।
जिन देशों में ये तीसरे चरण में पहुंचा, उससे 100 गुना बुरी हालत भारत की होगी क्योंकि यहां के लोगों को इस वायरस के प्रकोप से बचने के बजाय उसका मजाक बनाने में वक्त बीतता है।
जिस दिन मजाक बनाने वालों की मां-बाप, पत्नी-बेटा-बेटी या कोई करीबी चपेट में आया, उस दिन उनका सारा मजाक धरा का धरा रह जाएगा।
सही तरीके से चलिये। खुद पर और परिवार पर ध्यान दीजिये।
हमारे भारतीय डाक्टरों के पास इसका पूरा इलाज है। 14 लोग ठीक करके घर भेज दिए हैं। जो भर्ती हैं, उनमें से ज्यादातर की तबियत में सुधार भी हो रहा है।
मेरा आप सभी से विनम्र निवेदन है कि प्लीज भविष्य को बचाने के लिए वर्तमान में थोड़ी सावधानी बरतें।
क्या होगा अगर कुछ दिन ये नहीं करोगे
क्या होगा अगर कुछ दिन दोस्तों के साथ बात नहीं कर पाओगे, फोन पर कर लो ?
क्या होगा अगर कुछ दिन बाजार नहीं जाओगे, नंगे तो नहीं हो इतने कपड़े तो घर पर होंगे ?
क्या होगा अगर अपनी मांगें मनवाने के लिए कुछ दिन धरना-प्रदर्शन विरोध नहीं करोगे ?
क्या हो जाएगा अगर कहीं घूमने नहीं जाओगे ?
क्या होगा अगर दिन में 10 बार हाथ धो लोगे ?
क्या होगा अगर मजाक उड़ाने की बजाय लोगों को जागरुक करने के लिए मैसेज करोगे ?
क्या होगा जो जागरुक मैसेज दूसरों को फॉरवर्ड करते हो उसका खुद भी पालन कर लोगे?
क्या फर्क पड़ता है कि सरकार किसकी है और वे क्या कह रहे हैं ? मतलब इतना रखो वो आपके हित के लिए कर रहे हैं।
क्योंकि मौत ना जाति, ना धर्म, ना क्षेत्र, ना उम्र, ना राज्य, ना इलाका और ना लिंग और ना सूरत देखकर आती है।
इसलिए आप सभी से मेरी विनम्र अपील है कि अभी वक्त है मान जाओ मेरी पोस्ट पढ़कर कुतर्क करने की बजाय जितने शब्द अच्छे लगे उसे पालन कर लीजिये वरना कुछ लोगों के लिए लिखने वाले की पोस्ट पर कुर्तक और तर्क करने की आदत होती है और तर्क-कुर्तक भी करना है तो कर लेंगे चार महीने बाद सब जब सब सामान्य हो जाएगा अभी अपनी और अपने परिवार, मित्रों पड़ोसियों के हित में सोचें
युसुफ पूरी
पत्रकार, दैनिक सागर, ठाणे-मुंब्रा
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